डूंगरपुर (राजस्थान)। जिले में रिश्वतखोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां 55 उच्च माध्यमिक और माध्यमिक स्कूलों में वित्तीय घपलों की जांच की जिम्मेदारी संभालने वाले 8 ऑडिटर्स ही रिश्वत लेते पकड़े गए हैं। मामले के जांच के आखिरी दिन एसीबी ने इन्हें घपले दबाने की एवज में 10 से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
इन आरोपियों कि गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने बताया कि ऑडिट टीम में शामिल आडिटर्स ने लेखा रिकॉर्ड व कैशबुक में स्कूल स्तर पर हुए घपले को दबाने और ऑडिट आक्षेप नहीं लगाने के एवज में स्कूल के प्रिंसिपल और कैशियर से ये रिश्वत ली। इन आरोपी आडिट अफसरों की जेबों से 18,235 रुपए नकद के अलावा होटल के कमरों सहित कुल 81,735 रु. बरामद किए गए। इतना ही नहीं अब इनके बैंक अकाउंट की भी जांच की जाएगी। इन आरोपियों में सीनियर आडिटर बाबूलाल मीणा, सहायक लेखाधिकारी सुरेंद्र रैगर, सहायक लेखाधिकारी राजाराम विश्नोई, वरिष्ठ लेखा परीक्षक रामकरण मीणा, लेखापरीक्षक शेखर शर्मा, सीनियर आडिटर पवन कुमार, सहायक लेखाधिकारी सीताराम मीणा, वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी जगन्नाथ प्रसाद कोली के नाम शामिल हैं।
गौरतलब है कि प्रधान महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा) जयपुर ने 9 मार्च को डीईओ माध्यमिक डूंगरपुर के 55 उमावि और मावि के तीन साल के लेखा कार्यों की जांच कराने के आदेश दिए थे। 12 मार्च से शुरू हुए इस आडिट का बुधवार को आखिरी दिन था। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।