इंदौर (मध्य प्रदेश)। अभी तक आपने इंसानों के आधार नंबर की बात सुनी होगी। लेकिन अब सरकार आधार की तर्ज पर दुधारू पशुओं को भी यूनिक आईडी नंबर देने जा रही है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के पशुओं की जानकारी जुटाने के बाद उन्हें 12 अंकों का एक नंबर दिया जाएगा और कान में बार कोड वाला विशेष टैग लगाया जाएगा।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में गोवंश की संख्या 1 करोड़ 96 लाख जबकि भैंसवंश की संख्या 81 लाख है। योजना के पहले चरण में इन 2 करोड़ 77 लाख पशुओं में से प्रजनन योग्य 90 लाख गाय-भैंस को यह टैग लगाया जाएगा। पशुओं को यूआईडी देने का काम केंद्र सरकार के इंफॉर्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ (इनफ) योजना के तहत किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से एक क्लिक पर पशु और मालिक से जुड़ी तमाम जानकारी इकट्ठा हो जायेगी। वहीं पशु की नस्ल, उम्र, आखिरी प्रजनन और गर्भाधान का समय, दूध की मात्रा, बीमारियां, दी जाने वाली दवाइयां आदि का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही मालिक का नाम, पता आदि भी दर्ज होगा।
भोपाल मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि पशुओं को यूआईडी देने की योजना डेढ़ साल पहले बनी थी। चार जिलों आगर मालवा, शाजापुर, धार और खरगोन में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। वहां सफल होने के बाद इसे सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। पशु चिकित्सा सेवा के उपसंचालक सीके रत्नावत ने बताया कि जब कोई पशु सरकारी अस्पताल आता है तो उसकी सही उम्र, नस्ल, प्रजनन, बीमारी संबंधी जानकारी नहीं होती। इससे इलाज में परेशानी होती है। यूआईडी नंबर से उसकी जानकारी मिलेगी तो डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री ध्यान में रख इलाज करेगा।
वहीं एचबीएस भदौरिया, प्रबंध संचालक, मप्र राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम का कहना है कि अभी तक देश में पशुओं का व्यवस्थित और पूरा रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्यक्रम शुरू किया गया है ताकि दुधारू पशुओं के प्रजनन तथा स्वास्थ्य संबंधी मामले में बेहतर सेवाएं दी जा सके। प्रदेश में पहले चरण में 90 लाख प्रजनन योग्य गो-भैंसवंश को टैग लगाया जाएगा और जानकारी सॉफ्टवेयर पर अपलोड होगी। इससे पशुओं का व्यवस्थित और पूरा रिकार्ड रखा जा सकेगा।