कानपुर (उत्तर प्रदेश)। यदि बैंक सिक्के जमा करने से इनकार कर रहे हैं तो आप परेशान न हों, क्योंकि रिजर्व बैंक ने आरटीआई के तहत जानकारी दी है कि आप बैंकों में जितने चाहें उतने सिक्के जमा कर सकते हैं, उसकी कोई सीमा नहीं है। ऐसे में कोई भी बैंक आपके सिक्कों को जमकर करने से इनकार नहीं कर सकता है।
आपको बता दें कि गांधी ग्राम निवासी अभिलाष शुक्ल आरओ वाटर सप्लायर्स हैं। उनका खाता कार्पोरेशन बैंक में है। बैंक ने जब बाजार में मिले सिक्के लेने से मना कर दिया तो उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। जिसमें लिखा कि सिक्का जमा करने का नियम क्या है। उसके बाद आरबीआइ के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी पी विजय कुमार की तरफ से जवाब मिला कि बैंकों में सिक्के जमा करने की सीमा संबंधी कोई नियम नहीं है। आरबीआइ ने अपने लिखित जवाब में बताया कि 'भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों में सिक्के जमा करने की कोई सीमा निश्चित नहीं की है। हालांकि सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 6(1) के अनुसार किसी भी मूल्य वर्ग के सिक्के, एक रुपये से कम नहीं हों व कुल एक हजार रुपये तक के भुगतान के लिए वैध रहेंगे।'
गौरतलब है कि बैंकों ने नोटबंदी के दौरान बैंकों ने दो हजार और उससे अधिक के सिक्के लोगों को जारी किये। बैंकों ने आरबीआइ के नियम का पालन नहीं किया और जनता को सिक्कों के बोझ तले दबा दिया। नोटबंदी के दौरान नकदी संकट से निपटने के नाम पर बैंकों ने सड़े गले नोटों के साथ भारी संख्या में सिक्के भी जारी किए थे। तब नकदी की जरूरत हर आदमी को थी और सभी ने सिक्के लिए भी थे। इसके चलते बाजार में 200 करोड़ रुपये से अधिक के सिक्के आ गए। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं रिजर्व बैंक का सरकुलर कागजी कार्रवाई बनकर रह गया है। जिसमें रिजर्व बैंक ने कहा है कि हर बैंक को सिक्कों को लेना होगा। हर बैंक शाखा को चस्पा करना होगा कि 'हम सिक्के जमा करते हैं'। यदि बैंक सिक्के जमा करने से इनकार करेंगे तो उनके खिलाफ जिला प्रशासन मुकदमा दर्ज करवाएगा।