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'तु्म्हें 11 से अधिक बीमारियां होने पर मिलेगा पीएफ'

'तु्म्हें 11 से अधिक बीमारियां होने पर मिलेगा पीएफ'

मंडला (मध्य प्रदेश)। जिले के नैनपुर में एक बाबू की ऐसी करतूत सामने आयी है, जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। सोमवार को हरिजन आयोग के राष्ट्रीय महासचिव अशोक धनवार की उपस्थिति में नगरपालिका में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में लंबे समय से दैनिक वेतन पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थाई करने पर चर्चा हुई। इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव अशोक धनवार ने दैनिक सफाई कर्मचारी की समस्या व कार्यालय प्रक्रिया को सुनने के बाद कहा कि स्वास्थ विभाग में 2016 तक जिनको भी कार्य में रखा गया है। उन सभी का नियमितिकरण होना है। यह शासन के आदेश हैं और नियुक्ति सूक्ष्मता से होना है। सभी कर्मचारी किसी प्रलोभन में न आएं यह आप का अधिकार है। जिसका हक आप सभी को मिल कर रहेगा।

वहीं बाबुओं की मनमानी के बारे में बताया कि वे 10 से 12 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। पीएफ भी कटता है, लेकिन परेशानी आने पर मिलता नहीं है। बाबू कहते हैं कि अभी पीएफ की राशि नहीं मिल पाएगी। जब तक तुम्हें 11 से अधिक बीमारियां नहीं होंगी तब तक तुम पीएफ के लिए पात्र नहीं हो सकते हो।

स्वास्थ्य निरीक्षक श्रीचंद शर्मा ने बताया कि 88 सफाई कर्मचारी का स्थाईकरण होना है जिसमें पहली सूची 28 लोगों की बनी है। जिसमें एक नाम भोजेलाल का कट गया है और 27 कर्मचारी का 30 दिसंबर तक स्थाईकरण में नाम आ जाएगा। इस सूची में 10 वर्ष से ऊपर कार्य कर रहे हैं उनका नाम है।

हैरान की बात यह थी कि बैठक से सीएमओ, स्थापना शाखा के लिपिक एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को नदारद थे। इस गैरजिम्मदार हकत से महासचिव नाराज दिखे। उनका कहना था कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कर्मचारियों के हित में अहम बैठक आयोजित की गई, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही नदारद हैं।

 

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार