नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल की सरकार पर एक बार फिर घोटाले के आरोप का गंभीर मामला सामने आया है। आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की सरकार ने अस्पतालों में डायलिसिस मशीनों की खरीद में टेंडर नियमों की अनदेखी कर जर्मन कंपनी को फायदा पहुंचाया। उनका कहना था कि इस खरीद से दिल्ली सरकार को न सिर्प 13 करोड़ का नुकसान होगा, बल्कि प्रति डायलिसिस 700-800 रुपए का अतिरिक्त भार प्रति मरीज प्रति डायलिसिस भी पड़ेगा।
हालांकि अरविंद केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के इस गंभीर आरोप का अब तक दिल्ली सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।
आपको बता दें कि नेशनल हेल्थ मिशन योजना के अंतर्गत आने वाले प्रधानमंत्री डायलिसिस प्रोग्राम के तहत दिल्ली सरकार ने 24 अक्टूबर को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में लगाने के लिए हेमोडायलिसिस मशीन, आरओ सिस्टम आदि खरीदने व लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया था।
इसके बाद गत दो नवंबर को प्री बिड मीटिंग के बाद छह नवंबर को दिल्ली सरकार ने एक संशोधन के द्वारा टेंडर के नियमों में बदलाव कर दिया। फिर एक तरह की खासियत वाली डायलिसिस मशीन जोकि केंद्र सरकार के डॉक्यूमेंट के अनुसार 'ऑप्शनल' थी उसे 'मेंडेटरी' कर दिया गया। नियमों में इस बदलाव के बाद अब कोई भी सप्लायर जर्मन की एक विशेष कंपनी के अलावा कहीं और से मशीन नहीं खरीद पाएगा। वहीं, अन्य सभी कंपनियों की मशीनों को दिल्ली सरकार ने टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया।
कपिल मिश्रा का आरोप है कि उक्त कंपनी की मशीन न सिर्फ महंगी होती है, बल्कि उसका रखरखाव आदि भी महंगा होता है। इस टेंडर में अब सरकार को न सिर्फ 13 करोड़ का नुकसान होगा, बल्कि प्रति डायलिसिस 700-800 रुपये का अतिरिक्त भार प्रति मरीज प्रति डायलिसिस भी पड़ेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद-फरोख्त को लेकर भी विधायक कपिल मिश्रा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा 300 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं खरीदने और घोटाले का आरोप लगाया था, जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) तक ने कार्रवाई की थी।