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कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने पर विचार !

कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने पर विचार !

शिमला (हिमाचल प्रदेश) । पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर प्रदेशभर में जारी महासंग्राम के बीच नई खबर सामने आयी है। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार प्रदेश के हजारों कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विचार कर रही है। पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पत्र वित्त सचिव को भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली पर विचार कर रहे हैं। 

कर्मचारियों के महासंघ के प्रधान गजिंद्र ठाकुर ने बताया कि दो दिन पहले ही उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से वित्त सचिव को भेजा गया पत्र प्राप्त हुआ। जिसमें सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के मामले का जिक्र किया गया है। इस पत्र से साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार हजारों कर्मचारियों की मांग को पूरा करने पर विचार कर रही है। 

आपको बता दें कि वर्ष 2003 के बाद नियु्क्त कर्मचारियों को पेंशन सेवा का लाभ देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इसको लेकर कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। जबकि सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि प्रदेश की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। देश के सभी राज्यों ने नई पेंशन योजना अपनाई है, इसलिए हिमाचल में भी यही पॉलिसी है। जब विधायक रमेश धवाला और राकेश सिंघा ने पेंशन योजना को लेकर कमेटी गठित करने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इस सुझाव पर विचार कर सकती है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

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साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार