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'बिल न देने पर जीएसटी हेल्पलाइन पर करें शिकायत'

'बिल न देने पर जीएसटी हेल्पलाइन पर करें शिकायत'

नई दिल्ली। आप यदि किसी दुकानदार से बिना बिल के सामान खरीदते हैं तो सावधान हो जाएं। आप कोई भी खरीददारी करते समय दुकानदार से बिल लेना बिल्कुल न भूलें, क्योंकि यह हर ग्राहक का अधिकार है। बिल न लेने पर आपको रिटर्न फाइल करते समय अपने खर्च दिखाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। वित्त मंत्री पियूष गोयल ने एलान किया है कि यदि कोई दुकानदार बिल देने से मना करता है तो अब आप उसके खिलाफ जीएसटी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं। यह हेल्पलाइन 15 दिन में शुरु हो जाएगी। 

जीएसटी के एक वर्ष पूरे होने पर वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आम लोगों से कहा कि यदि सभी ग्राहक सामान खरीदते समय दुकानदार से बिल की मांग करते हैं तो इससे टैक्स की चोरी रुकेगी और सामान की कीमतें चार से पांच प्रतिशत तक कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यापारी बिल नहीं दे रहे हैं, खरीददार उनकी शिकायत हेल्पलाइन पर कर सकेंगे। सरकार जल्द ही तीन अंक का एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी। गोयल ने कहा कि सरकार क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर सहित कई सेलेब्रिटी से संपर्क कर जल्द ही एक व्यापक जागरुकता अभियान चलाने की दिशा में कदम उठाएगी ताकि लोग खरीददारी करते समय बिल जरूर मांगे। आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई दुकानदार किसी ग्राहक को बिल न देने के ऐवज में सामान की कीमत कम करने का प्रलोभन देता है तो ग्राहकों को सीधे ही हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकेंगे। 

आपको बता दें कि गोयल ने आश्वस्त किया है कि छोटे व्यापारियों को जीएसटी में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी व्यापारी को कोई दिक्कत हो रही है तो वे सीधे वित्त मंत्री को पत्र लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारी हमारी अर्थव्यवस्था का अमूल्य अंग हैं। छोटे कारोबारियों की सुविधा के लिए सरकार कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की सीमा वर्तमान में एक करोड़ रुपये को बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने के लिए मानसून सत्र में जीएसटी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेगी। 

वहीं आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि बिल के लिए दुकानदार मना नहीं कर सकते हैं, लेकिन फिर भी छोटे दुकानदारों को यह छूट होती है कि वह 25 रुपए से कम की खरीददारी पर किसी कारण वश बिल देने से बच सकते हैं। हालांकि यदि ग्राहक 25 रुपए से अधिक के सामान की खरीददारी करता है तो फिर पक्का बिल लेना ग्राहक का कानूनी अधिकार है। ऐसे में कोई भी दुकानदार ग्राहक को बिल देने से मना नहीं कर सकता है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार