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विद्यार्थी अपनी पुस्तक में पढ़ेंगे यातायात नियम  

विद्यार्थी अपनी पुस्तक में पढ़ेंगे यातायात नियम  

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बच्चों के पाठ्यक्रम को लेकर एक अहम कदम उठाया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद  ने कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम में यातायात नियमों को शामिल कर लिया है। इस पाठ्यक्रम में सिर्फ यातायात नियम ही नहीं प्राथमिक उपचार के बारे में भी बच्चों को ज्ञान हासिल होगा। मध्यमिक शिक्षा परिषद ने यह कदम दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग की गुजारिश के बाद उठाया है। 

इस कदम का मकसद यह है कि पढ़ाई के दौरान ही बच्चे स्कूल में यातायात नियमों की जानकारी समय से हासिल कर सकें। और एक सजग प्रहरी की तरह यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करें और साथ ही लोगों को भी यातायात के नियमों के लिए जागरूक करें। इसके लिए परिवहन विभाग ने एक सिलेबस तैयार कर माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजा था। शिक्षा महकमे अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। 

यातायात नियमों से लैस इस पाठ्यक्रम में करीब डेढ़ दर्जन जानकारियों को बिंदुवार रखा गया है। ड्राइविंग के मुख्य तथ्य, अभिभावकों के कर्तव्य, यातायात संकेतकों की जानकारी एवं अर्थ, सड़क यातायात चिह्न् के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके अलावा ट्रैफिक लाइट, लाल बत्ती, हरी बत्ती और जेब्रा लाइन पार करते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में चित्र के साथ बड़े आसान तरीके से बताया गया है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद  द्वारा लागू कक्षा 9 के पाठ्यक्रम में 'द रूल्स ऑफ द रोड' अंग्रेजी और हिंदी में 'सड़क सुरक्षा एवं यातायात के नियम' के रूप में शामिल किया गया है। इसमें एक कहानी के माध्यम से बच्चों को सचेत किया गया है कि वह सड़क पर कैसे चले और क्या-क्या सावधानियां बरतें। जबकि कक्षा 10 के पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रारंभिक हिंदी,  में यातायात के नियम, संस्कृत में यातायात नियम, निबंध के रूप में पेश किया गया है। वहीं सामाजिक विज्ञान में सड़क सुरक्षा एवं यातायात, नैतिक खेल एवं शारीरिक शिक्षा और ट्रेड ऑटोमोबाइल में इंजन की विभिन्न कंट्रोल प्रणालियां, ट्रैफिक नियमों एवं सुरक्षा के उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। वहीं अंग्रेजी में रोड टू सेफ्टी, सड़क यातायात एवं सावधानियां शामिल किया गया है। साथ ही कक्षा 11 के अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में ट्रैफिक नियमों को निबंध के रूप में शामिल किया गया है। वहीं ट्रेड-ऑटोमोबाइल के तृतीय प्रश्नपत्र के लिए ट्रैफिक नियमों एवं सुरक्षा के उपाय के बारे में बच्चों को बताया गया है।

माना जा रहा है कि पाठ्य पुस्तकों में सड़क सुरक्षा संबंधी पाठ्यक्रम को शामिल करने का अच्छा असर पड़ेगा। अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों का पालन नहीं करने के कारण होते हैं। बच्चे जब स्कूल में ट्रैफिक नियमों के बारे में पढ़ेंगे तो उनमें जागरूकता आएगी। और वे अपने परिवारवालों और परिचितों को भी इस बारे में बताएंगे।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

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साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार