लेखपाल किसानों से मुआवजे के लिए मांग रहे हैं कमीशन
May 05, 2016
झांसी (उत्तर प्रदेश) । बुंदेलखंड में सूखे और ओलावृष्टि फसल बर्बाद होने से किसान मौत को गले लगा रहे हैं । वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार के नुमाइंदे लेखपाल किसानों को मुआवजा देने के एवज में कमीशनखोरी में मशगूल हैं। बुंदेलखंड में मार्च- अप्रैल महीने में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गयी थी। जिसके एवज में सरकार किसानों को मुआवजे का वितरण कर रही है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस मुआवजे का चेक को लेखपाल खाते में लगाता है। और जब तक किसान लेखपाल को उसका कमीशन नहीं देता है तब तक वह किसान को चेक नहीं देता है। महोबा जिले के मडैया ब्लॉक के निवासी शिरोमणि और रामनाथ को मुआवजे के रुप में सरकार के 13 हजार रुपए मिलने थे, लेकिन कमीशन न मिलने की वजह से लेखपाल मुआवजे के चेक उन्हें नहीं दे रहा है।
आपको बता दें कि ऐसा ही हाल पूरे बुंदेलखंड के इलाके में है। फसल के बर्बाद होने और कर्ज के चलते करीब 500 किसानों की मौत हो चुकी है। बांदा में 3 मई को एक दलित भूमिहीन किसान की भूख के कारण मौत हो गयी थी। उनसे 4 दिन से खाना नहीं खाया था। जब वह गांव में बंट रहे राहत पैकेट को लेने जा रहा था,तभी अचानक वह गिर पड़ा और उसकी मौत हो गयी। ऐसी पीड़ादायक स्थिति में भी लेखपाल अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं । और रिश्वत की रकम से अवैध संपत्तियां बना रहे हैं।