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गरीब मां ने इलाज के लिए बच्चों की लगाई बोली

गरीब मां ने इलाज के लिए बच्चों की लगाई बोली

नालंदा (बिहार)। सुशासन बाबू कहलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य में गरीबी और बीमारी से जूझ रही एक महिला की दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। कुपोषण और टीबी की बीमारी से पीड़ित महिला ने इलाज करवाने के लिए अपने मासूम बच्चों को ही बेचने का फैसला कर लिया। हालांकि मीडिया में घटना के सामने आने के बाद नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने मामले का संज्ञान लिया और सदर अस्पताल के अधीक्षक को महिला की नि:शुल्क इलाज का निर्देश दिया है।

महिला सोनम नालंदा जिले के कल्याणबीघा की रहने वाली है। उसके पति का नाम संजय मांझी है। इस वर्ष की शुरुआत में उसे कुपोषण और टीबी की बीमारी का पता चला । जब उसने अपने पति से इस बीमारी के बारे में बताया तो उसने दवा करवाने की बजाय उसे छोड़कर फरार हो गया। सोनम को दो साल की बेटी और छह माह का एक बेटा है। टीबी की बीमारी से पीड़ित महिला के पास इलाज के पैसे नहीं थे। वहीं दूसरी ओर बच्चों को भी पालने की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गयी । जब महिला को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उसने अपने बच्चों को ही बेचने का फैसला कर लिया। इस संबंध में महिला का कहना है कि जब कोई मदद कहीं से नहीं मिली, तो मैंने बच्चों को किसी और को सौंपने का फैसला कर लिया, क्योंकि मुझे खुद नहीं पता कि मेरी जिंदगी कब मेरा साथ छोड़ देगी। उसने वार्ड ब्वॉय से इस बात की चिंता जाहिर की कि या तो कोई उसका इलाज करा दे या बच्चों के भरण-पोषण का जिम्मा ले ले।

इसी बीच यह बात पत्रकारों के ज़रिए जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह तक पहुंची तो उन्होंने महिला का मुफ्त में समुचित इलाज़ कराने का निर्देश अस्पताल प्रभारी को दिया। महिला पहले कल्याणबीघा रेफरल अस्पताल में भर्ती थी। जहां से उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद महिला को सोमवार को पावापुरी मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कर दिया गया है। जहां महिला व उसके दोनों बच्चों की जांच व इलाज़ की व्यवस्था कराई गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसी पीड़ादायक घटनाएं कब रुकेंगी। 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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