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मुर्दा छात्र भी लेते रहे कालेज से छात्रवृत्ति !

मुर्दा छात्र भी लेते रहे कालेज से छात्रवृत्ति !

शिमला (हिमाचल प्रदेश) । सैकड़ों करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में हर दिन हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि संस्थान में ऐसे विद्यार्थियों के नाम से भी छात्रवृत्ति खाते खुलवाए गए, जिनकी बहुत पहले मौत हो चुकी है। वहीं इस घटना की अभिभावकों को भनक तक नहीं लगने दी गयी। अब आगे और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की आशंका जतायी जा रही है।

छात्रवृत्ति घोटाले की प्रारंभिक सीबीआइ जांच में अब तक दो ऐसे छात्रों का पता चला है जिनकी कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। हैरानी की बात है कि मौत के बाद भी शिक्षा विभाग के माध्यम से उनकी छात्रवृत्ति जारी होती रही। इतना ही नहीं बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से बैंक में भी उनके नाम से चेक की ट्रांजेक्शन होती रही है। और साथ ही एटीएम कार्ड के अलावा चेकबुक तथा पासबुक बाकायदा अपडेट कराई जाती रही हैं। सीबीआइ को मिले सुबूत के आधार पर यह भी स्पष्ट हो रहा है कि छात्रवृत्ति के घोटाले में मामूली नहीं बल्कि बहुत बड़ा घोटाला किया गया है। इस जांच में यह भी पता चला है कि एक ही संस्थान के चालीस से अधिक छात्रों की जाति बदल दी गई और उनमें से कुछ कॉलेज में भी नहीं पहुंचे। इसके अलावा अन्य जातियों के सैकड़ों छात्रों को जो छात्रवृत्तियां जारी हुई हैं, उनमें भी कई छात्रों की वर्तमान स्थिति के बारे में संस्थान को कोई जानकारी नहीं है।

गौतरलब है कि यह 250 करोड़ से अधिक का छात्रवृत्ति घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। सीबीआई ने अब तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत 18 से अधिक राज्यों में छापा मारने की कार्रवाई की है। करोंड़ो रुपए के इस छात्रवृत्ति घोटाले में निजी और सरकारी संस्थान के साथ ही कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी शामिल पाए गए हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

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साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार