चतरा (झारखंड)। प्रदेश के भ्रष्ट कर्मचारी केंद्र सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं । ताजा मामला चतरा जिले में सदर प्रखंड के दारियातु पंचायत का है, जहां के पंचायत सेवक महेश मिस्त्री को बीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पंचायत सेवक पर मनरेगा से निर्मित होने वाले डोभा की योजना से रिश्वत लेने का आरोप है।
बताया जा रहा है कि चतरा जिले के सदर प्रखंड के असढिया गांव निवासी गणेश यादव मनरेगा से डोभा का निर्माण करवा रहे हैं। इस योजना के तहत गणेश यादव को आठ लाख रुपये मिलने हैं। गणेश यादव ने चार लाख रुपये की निकासी कर ली है। बाकी राशि की निकासी को लेकर मस्टर रॉल में हस्ताक्षर कराने के लिए गणेश यादव ने पंचायत सेवक महेश मिस्त्री से संपर्क किया। लेकिन उन्होंने मस्टर रॉल पर हस्ताक्षर करने के एवज में पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की। इससे परेशान होकर गणेश यादव ने पंचायत सेवक के खिलाफ हजारीबाग स्थित एसीबी के कार्यालय में शिकायत की।
पंचायत सेवक के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद एसीबी के अधिकारी ने मामले की सत्यता की जांच की। उसके बाद पंचायत सेवक को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ने के लिए मंगलवार को गणेश यादव के साथ मिलकर जाल बिछाया । इसके बाद टीम के अधिकारी के कहने पर गणेश यादव ने पंचायत सेवक को फोन किया और जतराहीबाग स्थित न्यू कॉलोनी में भाड़ा के आवास पर बुलाया। गणेश यादव ने जैसे ही पंचायत सेवक को बीस हजार रुपए रिश्वत की रकम दी वैसे ही एसीबी की टीम ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान टीम का नेतृत्व डीएसपी इंदूभूषण ओझा कर रहे थे।