रायपुर (छत्तीसगढ़)। दंतेवाड़ा के पूर्व कलेक्टर और वर्तमान भाजपा नेता ओपी चौधरी के खिलाफ सुरभि कालोनी जमीन बंधक घोटाले की जांच शुरु हो गयी है। दंतेवाड़ा कलेक्टर ने सुरभि कालोनी मामले में अब तक हुई जांच की फाइल जांच अधिकारी से तलब की है। ओपी चौधरी पर सुरभि कालोनी की बंधक जमीन नियम विरूद्ध मुक्त करने का आरोप है। हालांकि इस मामले की जांच रमन सरकार के कार्यकाल में हुई थी, लेकिन मामले को दबा दिया गया था। अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद ओपी चौधरी के जमीन घोटालों की जांच शुरू कर दी गयी है।
आपको बता दें कि रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओमप्रकाश चौधरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में 2018 में भाजपा में शामिल हो गये थे। 2005 बैच के इस आईएएस अधिकारी ने 25 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद भाजपा के टिकट पर खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। ओपी चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने दंतेवाड़ा की सुरभि कालोनी में बंधक 41 प्लॉट नियम विरूद्ध मुक्त किए। जिसकी कीमत ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा बतायी जा रही है। सुरभि कालोनी का निर्माण 8 एकड़ में हुआ है। 2005 में लाइसेंस लेते वक्त कालोनाइजर ने सात बिंदुओं पर कालोनी के आंतरिक विकास का अनुबंध किया था। जिसमें कालोनी की 15 फीसद भूमि गरीब वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई थी। इसी 15 फीसद भूमि के 41 प्लाट नगर पालिका दंतेवाड़ा के पास बंधक थे। प्रशासन से शिकायत की गई कि फर्जी समिति और एनओसी के जरिए बंधक भूमि को मुक्त कराकर बेच दिया गया।
हालांकि ओपी चौधरी का जब दंतेवाड़ा से ट्रांसफर हो गया तो उसके बाद करीब 4 साल पहले तत्कालीन दंतेवाड़ा कलेक्टर केसी देवसेनापति ने सुरभि कालोनी बंधक मामले की जांच कराई। इस जांच रिपोर्ट को मंत्रालय में नगर प्रशासन के पास भेजा गया था, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। हालांकि इस जांच रिपोर्ट में कालोनाइजर पर एफआइआर दर्ज करने और नगरपालिका के तत्कालीन सीएमओ को निलंबित करने की सिफारिश की गई थी।