नवादा (बिहार)। प्रधान डाकघर नवादा में ढाई करोड़ रुपये का घोटाला करने वाले खजांची अम्बिका चौधरी एवं डाकपाल कपिलदेव यादव पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज हो गयी है। पुलिस आरोपी खजांची और डाकपाल को गिरफ्तार करने के लिए उनके ठिकानों पर छापे मार रही है। इस घोटाले का खुलासा तीन सदस्यीय जांच कमेटी की जांच में हुआ।
आपको बता दें कि नवादा प्रधान डाकघर का खाता स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से संचालित होता है। लेकिन स्टेट बैंक से जो रुपये डाकघर को उपलब्ध कराए जाते थे, उसे सही तरीके से क्रेडिट नहीं किया जाता था। इस घोटाले का मामला तब सामने आया जब करीब 4 वर्षों तक कैशियर के पद पर जमे रहे खजांची अम्बिका चौधरी का तबादला हुआ। सितम्बर 18 में तबादला होने के बाद अंम्बिका चौधरी पर प्रभार सौपने का दवाब बढ़ा तो वे आफिस से गायब हो गए। इस बीच कर्मियों के बीच यह बात सार्वजनिक हो गई कि कैश में हेराफेरी हुई है। जिसके बाद फरवरी 19 में डाक अधीक्षक के स्तर से डाक उपाधीक्षक नवीन कुमार, डाक निरीक्षक सुरेश कुमार सहित तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई। जांच में करीब ढाई करोड़ रुपये की हेराफेरी मिली। हालांकि जांच के दौरान रुपये जमा करने का मौका आरोपितों को दिया गया, लेकिन खजांची लगातार फरार रहे। इसके बाद खजांची अम्बिका चौधरी व प्रधान डाकपाल कपिल देव यादव के खिलाफ गुरुवार को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। डाक उपाधीक्षक नवीन कुमार ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसके बाद नगर थाना व बुंदेलखंड थाना की पुलिस ने खजांची अम्बिका के पार नवादा डोभरा पर मोहल्ला स्थित घर पर छापेमारी की। छापेमारी में एएसपी अभियान कुमार आलोक, टाउन इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार, बुंदेलखंड पुलिस और अन्य सैप जवान शामिल थे। लेकिन आरोपित खजांची समेत परिवार के सभी सदस्य नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के घर को सील कर दिया। जबकि विभाग स्तर पर शुरू हुई जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद दो दिनों पूर्व प्रधान डाकपाल और खजांची को निलंबित कर दिया गया था।