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आत्मदाह करने पहुंचे किसानों पर लाठीचार्ज

आत्मदाह करने पहुंचे किसानों पर लाठीचार्ज

बिजनौर (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश में चुनाव के दौरान हर पार्टी सत्ता में आने के बाद किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान दिलवाने का जोर शोर से वादा करती है, लेकिन सत्ता पाने के बाद उसके वादे मजाक साबित होते हैं। सोमवार को बिजनौर में गन्ने का बकाया भुगतान न मिलने से आहत होकर किसानों ने डीएम दफ्तर के सामने चिता सजाकर आत्मदाह करने की कोशिश की। इस दौरान किसानों और पुलिस बल के बीच लकड़ियों को लेकर छीना-झपटी होने लगी। जिसके बाद पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटा। पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई में 50 से ज्यादा किसान घायल हो गए, जबकि 10 किसानों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, लाठीचार्ज के दौरान गिरने से एसपी सिटी लक्ष्मी निवास भी घायल हो गए। 

आपको बता दें कि वेव ग्रुप की बिजनौर जिले के बिजनौर एवं चांदपुर चीनी मिल पर किसानों का पिछली पेराई सत्र का करीब 62 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया है। किसानों के संगठन आजाद किसान यूनियन ने 3 फरवरी तक भुगतान न होने पर कलक्ट्रेट में आत्मदाह का एलान किया था। इस एलान के बाद रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों और किसान नेताओं के बीच बातचीत को कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद किसान सोमवार सुबह 11 कलक्ट्रेट पहुंचे और डीएम दफ्तर के सामने लकड़ी की चिता सजानी शुरू कर दी। कुछ किसान लकड़ियों के ऊपर बैठ गए। इस दौरान लकडि़यां छीनने के प्रयास में पुलिस व किसानों में धक्का-मुक्की हुई। इसी बीच कुछ किसानों ने लकड़ियों में आग लगा दी। पुलिस ने पानी की बौछार की तो किसान और भड़क गए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। किसान भी लकड़ियों से मुकाबला करने लगे। पुलिस ने आजाद किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. राजेंद्र सिंह समेत 10 किसान नेताओं को हिरासत में लिया और पुलिस लाइन ले आई। संगठन के जिलाध्यक्ष बिरेंद्र सिंह का कहना है कि लाठीचार्ज में कोई 50 किसान घायल हुए हैं। दो किसानों की हड्डी टूटी है, जबकि 16 किसान लापता हैं। वेव ग्रुप की चीनी मिलों ने अभी तक किसानों का बकाया गन्ना भुगतान नहीं किया है। वहीं जिले के डीएम अटल कुमार राय का कहना है कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया है, सिर्फ आजाद किसान यूनियन कार्यकर्ताओं को आत्मदाह से रोका गया है। आत्मदाह की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है। फिलहाल भारी पुलिस संख्या बल तैनात कर दिया गया है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

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