Main Menu

अब पेंशनधारकों को ऑनलाइन मिलेगी पेंशन

अब पेंशनधारकों को ऑनलाइन मिलेगी पेंशन

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) । दूर संचार विभाग के पेंशनधारकों के लिए राहत की खबर है, अब उन्हें बैंक, पोस्ट ऑफिस और लखनऊ का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। नियंत्रक संचार लेखा विभाग लखनऊ की उपशाखा वाराणसी में पेंशनधारकों की समस्याओं को देखते हुए विभाग ने मैनुअल कामकाज की बजाए ऑनलाइन का सहारा लिया है। अब इसके लिए ‘संपन्न’ सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया है, जिसका 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुभारंभ करेंगे। 

आपको बता दें कि भारत दूर संचार विभाग के पेंशनधारकों को एक अक्तूबर 2000 के पहले उनकी पेंशन राशि को बैंक और पोस्ट ऑफिस के माध्यम से उनके खाते में भेजी जाती थी। इसकी वजह से दूर संचार विभाग प्रति वर्ष चार्ज के रूप में संबंधित बैंकों और पोस्ट आफिसों को मिलाकर 35 करोड़ रुपये देता था। इसमें अकेले लखनऊ कार्यालय से दो करोड़ रुपये जाते थे। इसको संज्ञान में लेते हुए विभाग ने ‘संपन्न’ सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसे तैयार करने में 2.77 करोड़ रुपये खर्च आया है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से अब संबंधित डीओटी के पेंशनधारकों के खाते में ऑनलाइन पेंशन भेज दी जाएगी। यह सुविधा पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर, देवरिया, प्रतापगढ़, सोनभद्र समेत 18 जनपदों के पेंशनधारकों को दी जाएगी। नियंत्रक संचार लेखा विभाग की उपशाखा एक दिसंबर से वाराणसी में खोली गई है। इसके अलावा इन पेंशनधारकों को निर्धारित सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन जीवित प्रमाण पत्र देने की भी सुविधा प्रदान कर दी गई है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार