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भ्रष्ट जिला न्यायाधीश को एसीबी ने भेजा जेल

भ्रष्ट जिला न्यायाधीश को एसीबी ने भेजा जेल

हैदराबाद (तेलंगाना)। ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार के दीमक ने देश के हर सरकारी विभाग को खोखला करके रख दिया है। ताजा भ्रष्टाचार का आरोप एक अतिरिक्त जिला न्यायधीश पर लगा है। जिसके खिलाफ भ्रटाचार विरोधी ने ब्यूरो आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप का मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 

आपको बता दें कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश वैद्य वारा प्रसाद के खिलाफ हैदराबाद में स्थित उच्च न्यायालय को शिकायत याचिका मिली थी कि उन्होंने कथित रूप से अकूत संपत्ति जमा कर रखी है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इन आरोपों के प्रारंभिक सत्यापन कराया और फिर भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो को उनके खिलाफ आगे कार्यवाही करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद एसीबी ने वैद्य वारा प्रसाद के तेलंगाना और महाराष्ट्र के कई ठिकानों की तलाशी ली थी। और फिर मंगलवार को उच्च न्यायालय के निर्देश पर रंगारेड्डी जिला अदालत के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश वैद्य वारा प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एसीबी अधिकारियों ने कहा था कि न्यायाधीश, उनके रिश्तेदारों तथा सहयोगियों के घरों पर तलाशी में संपत्ति तथा अन्य से संबंधित कई दस्तावेजों का पता चला है। जिसकी कीमत करीब तीन करोड़ रुपए है। एसीबी के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक रांगा रेड्डी जिला अदालत के 14वें अतिरिक्त जिला न्यायाधीश वैद्य वारा प्रसाद को एसीबी न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 28 नवम्बर तक उन्हें चंचलगुडा के केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार