Main Menu

आईएएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज

आईएएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज

आगरा (उत्तर प्रदेश) । आगरा में जिलाधिकारी रहे चर्चित आईएएस अधिकारी जुहैर बिन सगीर भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए हैं। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) बरेली सेक्टर के इंस्पेक्टर ने फतेहाबाद थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। जुहैर बिन सगीर पर जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार करने का आरोप है। विजिलेंस की खुली जांच में पाया गया है कि उन्होंने आगरा के जिलाधिकारी पद पर तैनाती के दौरान अपनी मौसेरी बहन खालिदा रहमान को 20 लाख का अनुचित लाभ पहुंचाया। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनाने के लिए योजना बनाई जा रही थी। जुहेर बिन सगीर  20 फरवरी 2013 से पांच फरवरी 2014 तक आगरा के जिलाधिकारी रहे थे। वर्तमान में कृषि उत्पादन शाखा, लखनऊ में विशेष सचिव हैं। 

जुहैर बिन सगीर के खिलाफ विजिलेंस बरेली सेक्टर के इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की तीन धाराओं के तहत बुधवार को दर्ज किया गया। मुकदमे में लिखाया गया है कि मुरादाबाद में जिलाधिकारी पद पर तैनात रहे जुहैर बिन सगीर के खिलाफ 4 जुलाई 2017 को दुष्यंत शर्मा ने शिकायत की थी। तत्कालीन एसपी सिटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने जुलाई 2017 को खुली जांच के आदेश दिए थे। 11 मई 2018 को विजिलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन के सुपुर्द की। 17 जुलाई 2018 को जुहैर बिन सगीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। उनके खिलाफ एक मुकदमा मुरादाबाद में भी लिखाया गया है। 

जुहेर बिन सगीर को जानकारी थी कि एक्सप्रेस के लिए जमीन का अधिगृहण किया जाना है। इसकी सूचना जारी किए जाने से पहले ही उन्होंने अधिगृहण की जद में आने जा रही जमीन मौसेरी बहन खालिदा को खरीदवा दी। फतेहाबाद तहसील के ग्राम तिबाहा में .6915 हेक्टेयर और स्वारा .3640 हेक्टेयर जमीन 820000 में खरीदी गई। इसके तुरंत बाद 13 अक्तूबर 2013 को जमीन अधिगृहण की अधिसूचना जारी कर दी गई। जुलाई 2014 में जमीन का अधिगृहण हुआ तो 2865000 मुआवजा मिला। इस तरह 2045000 का लाभ हुआ। 

तत्कालीन जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर ने अपने पद का दुरुपयोग करके मौसेरी बहन को लाभ पहुंचाया। जुहेर बिन सगीर के खिलाफ कुछ दिन पहले ही मुरादाबाद में भी विजिलेंस ने दो रिपोर्ट दर्ज कराई हैं। वहां दो घोटाले हुए। विकास प्राधिकरण के कब्जे वाली अर्बन सीलिंग की जमीन फर्जी दस्तावेज के जरिए निजी खाताधारकों को सौंप दी गई। दूसरा, जेल की जमीन में घोटाला किया गया।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार