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प्रमुख सचिव को गिरफ्तार करके पेश करने का आदेश

प्रमुख सचिव को गिरफ्तार करके पेश करने का आदेश

इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) । मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ की सरकार की लापरवाही के खिलाफ सख्त आदेश दिया। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए, उन्हें तुरंत गिरफ्तार करके एक अगस्त को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। दरअसल प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में साढ़े बारह हजार टीचर्स की भर्ती के मामले में अदालत द्वारा बार - बार जवाब मांगे जाने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नही देने पर हाईकोर्ट ने ऐसा सख्त कदम उठाया है। अदालत के कई बार आदेश के बावजूद इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। जिसके बाद अदालत ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगायी। अदालत ने योगीराज में सरकारी अफसरों के रवैये पर तल्ख़ टिप्पणी भी की। वहीं एक अन्य मामले में अंशकालिक खेल अनुदेशक पद पर भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षामंत्री की वादाखिलाफी के खिलाफ बीपीएड अभ्यर्थी तीसरी बार इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में गए हैं। बीपीएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश की अवमानना की तारीख और 12 अप्रैल के आदेश को सरकार के न मानने पर दोबारा हाईकोर्ट की डबल बेंच में अवमानना का केस दायर किया है। जिसकी सुनवाई आगामी तारीख को होनी है। 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक 12460 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला था। लेकिन चुनाव के दौरान प्रक्रिया रुक गयी। वहीं योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही शिक्षा विभाग की दूसरी भर्तियों की तरह इस मामले में भी मौखिक आदेश से भर्तियों पर रोक लगा दी। जब लम्बे समय तक रोक जारी रही तो कई अभ्यर्थियों ने भर्ती शुरु करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस साल अप्रैल महीने में भर्तियों पर लगी रोक हटाते हुए योगी सरकार को प्रक्रिया दो महीने में पूरी किए जाने का आदेश दिया। 

वहीं इस बीच मई महीने में अवनीश कुमार नाम के व्यक्ति ने उत्तर प्रदेश प्राइमरी टीचर्स सर्विस रूल्स 1981 के आधार पर हाईकोर्ट में भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देते हुए इस पर रोक लगाए जाने की मांग की। उत्तर प्रदेश प्राइमरी टीचर्स सर्विस रूल्स के मुताबिक़ बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को अपने जिलों की भर्ती में वरीयता मिलती है, जबकि जारी हुए विज्ञापन में किसी भी जिले के अभ्यर्थी को सभी जिलों में आवेदन करने की छूट दी गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगते हुए अगले आदेश तक के लिए भर्तियों पर रोक लगा दी थी। 

जब इस मामले में अदालत के कई बार जवाब मांगने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रतिक्रिया नहीं दी तो अदालत ने 18 जुलाई को हुई सुनवाई में गहरी नाराज़गी जताई और उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को 30 जुलाई को व्यक्तिगत तौर कोर्ट में पेश होकर सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल करने को कहा था। प्रमुख सचिव को भर्तियों में नियम तोड़ने के मामले में जवाब दाखिल करना था। साथ ही पिछली सुनवाइयों में सरकार का जवाब दाखिल न होने पर भी हलफनामा पेश करना है। मामले की सुनवाई मंगलवार को जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच में हुई तो न तो प्रमुख सचिव स्वयं अदालत में हाजिर हुए और न ही सरकार की तरफ से किसी ने कोई जवाब दाखिल किया। अदालत ने इस पर गहरी नाराज़गी जताई और बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार किए जाने और एक अगस्त को कस्टडी में पेश किए जाने के सख्त आदेश दिए। अदालत ने इस मामले में योगी सरकार को फटकार लगाई और अफसरों की लापरवाही पर सवाल भी उठाए। अब देखना है कि योगी सरकार अदालत के सामने क्या जवाब दाखिल करती है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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