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जनता के हंगामे पर 'जनता दरबार' से भागे मनीष सिसोदिया

जनता के हंगामे पर 'जनता दरबार' से भागे मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली। रविवार को शराब की दुकान बंद कराने कि लिए आयोजित जनता दरबार में उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को जनता की नाराजगी महंगी पड़ गयी। दिल्ली के मंडावली इलाके में मंगलवार को भूख से हुई तीन बच्चों की मौत से नाराज लोगों ने जमकर हंगामा किया और मनीष सिसोदिया से कई सवाल दागे। लोगों ने मनीष सिसोदिया से सवाल किया कि उनके क्षेत्र में लोगों के राशन कार्ड आज तक क्यों नहीं बन सके हैं ? वहीं लोगों से आधारकार्ड बनवाने के भी पांच-पांच सौ रुपये तक रिश्वत मांगी जा रही है। ऐसी दशा में उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा ? मंडवाली इलाके के लोगों का कहना था कि यदि मंगल के परिवार का राशन कार्ड बना होता तो आज बच्चों की मौत न हुई होती।

वहीं जनता के हंगामे से नाराज मनीष सिसोदिया भड़क गए और फिर उन्होंने जनता पर ही रौब झाड़ना शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि आप सब शांत होकर एक तरफ बैठो । नारे क्यों लगा रहे हो ?  कहां रहते हो ? अपना पता बताओ ? यदि आपको अपनी बात रखनी है, तो चुपचाप अपनी बात रखिए। एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसर सुनवाई करने आए हैं। लेकिन अगर आप दूसरों को बोलने से चुप कराने आए हो, तो फिर आपको चुप कराना हमें भी आता है। उनके ऐसे बरताव से लोग नाराज हो गए और जमकर हंगामा शुरु कर दिया। सरकार विरोधी नारे लगाना शुरू कर दिए। जनता का विरोध देखते हुए मनीष सिसोदिया कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले जाना पड़ा।

आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया शराब की दुकान बंद कराने के लिए आयोजित जनता दरबार में पहुंचे थे। इस जनता दरबार में लोगों को उपस्थित होकर इस क्षेत्र में शराब की दुकान होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। इस विषय पर अपनी राय रखनी थी। इसके बाद कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया से यह मांग की जानी थी कि सरकार इस शराब की दुकान को बंद करे।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार