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उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मिले बीपीएड अभ्यर्थी

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मिले बीपीएड अभ्यर्थी

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। बीपीएड अभ्यर्थियों ने अंशकालिक खेल अनुदेशक के पद पर नियुक्ति के लिए विधानसभा सचिवालय में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान बीपीएड अभ्यर्थियों ने दिनेश शर्मा को 32022 अंशकालिक खेल अनुदेशक पद पर नियुक्ति के मामले की विस्तार से जानकारी दी। अभ्यर्थियों की पूरी बात सुनने के बाद दिनेश शर्मा ने कहा कि अब बताओ कि हम क्या करें कि आपकी भर्ती शुरू हो जाये ? इस सवाल पर अभ्यर्थियों का कहना था कि “सर यह 23 मार्च 2017 का आदेश जो हमारे लिए काल बन गया है, इसको हटवा दें । 23 मार्च 2017 हाईकोर्ट की तारीख है और न जाने अभी कितना तारीखें पड़ती रहेंगी, इसलिए हम आपके पास आए हैं, क्योंकि हमें कोर्ट से ज्यादा आप से उमीद है। हम बेरोजगार हैं, सरकार से नहीं लड़ सकते और न ही कोर्ट के दाव-पेंच समझते हैं। आप अंशकालिक खेल अनुदेशक पद पर भर्ती का आदेश करवा दें। हमारी भर्ती में किसी प्रकार की कोई गलती साबित नहीं हो सकी है”। बीपीएड अभ्यर्थियों की बातों को सुनने के बाद दिनेश शर्मा ने अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार को पत्र लिखा। और विश्वास दिलाया कि वह इस मामले को लेकर स्वयं मुख्य सचिव से मिलेंगे। और जल्दी ही मामले को हल करवायेंगे।

वहीं इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने कुशीनगर के कांग्रेस विधायक श्री अजय कुमार "लल्लू" से भी मुलाकात की । इस मुलकात के बाद विधायक ने अभ्यर्थियों को पूरा सहयोग करने और विधान सभा में अंशकालिक खेल अनुदेशक पद पर भर्ती के मुद्दे को मजबूती से उठाने का भरोसा दिया और अपने सचिव से प्रश्न बनवाने का आदेश दिया। इस दौरान बीपीएड अभ्यर्थी देवेन्द्र पाण्डेय, अर्पित शाही, सोनू मिश्रा, रवि भदौरिया मौजूद थे। 

आपको बता दें कि गोरखपुर में अभ्यर्थियों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिया था कि वह जल्दी ही अंशकालिक खेल अनुदेशक पद की भर्ती को करवाएंगे। इसके बाद लखनऊ पहुंचते ही उन्होंने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह से अतिरिक्त प्रभार ले लिया था। और उनकी जगह अवनीश अवस्थी को अपर मुख्य सचिव बना दिया था। राज प्रताप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने धमकी दी थी कि जब तक हम इस कुर्सी पर हैं इस भर्ती को नहीं करेंगे। इससे ऐसा लगता है कि योगी सरकार में नौकरशाह बेलगाम हैं या फिर मुख्यमंत्री प्रदेश के नव जवानों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री का कहना था कि हम विश्वास दिला रहें कि हम सुप्रीम कोर्ट नहीं जायेंगे और भर्ती करने चल रहे हैं। हो सकता है जून में शुरू कर दें। हालांकि जून का महीना बात गया, लेकिन अभी तक भर्ती की कोई तारीख नहीं घोषित की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षामंत्री की कही गई बातें झूठी साबित होने के बाद अब बीपीएड अभ्यर्थी तीसरी बार इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में गए। बीपीएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश की अवमानना की तारीख और 12 अप्रैल के आदेश को सरकार के न मानने पर दोबारा हाईकोर्ट की डबल बेंच में अवमानना का केस दायर किया। जिसकी सुनवाई आगामी तारीख को होनी है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

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साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार