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छत्तीगढ़ में 11 पुलिसकर्मियों को बर्खास्तगी का नोटिस

छत्तीगढ़ में 11 पुलिसकर्मियों को बर्खास्तगी का नोटिस

रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य में पुलिसकर्मियों के परिवारों की हड़ताल पर पुलिस प्रशासन सख्त हो गया है। पुलिस परिवारों के 25 जून को प्रस्तावित आंदोलन को रोकने के लिए अब आला पुलिस अफसर भी मोर्चे पर उतर गए हैं। धमतरी एसपी ने जिले के 11 आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस भेज दिया है। और पुलिसकर्मियों के घरों पर पहरा भी बिठा दिया गया है। इतना ही नहीं, परिवार की महिलाओं के घरों से निकलने पर अघोषित तौर पर पाबंदी लगा दी गयी है। जगदलपुर में इस सख्ती से परेशान एक आरक्षक की पत्नी ने फांसी लगाकर खुदकशी करने की कोशिश की। हालांकि परिजन व पड़ोसियों की मदद से उसे बचा लिया गया।   

वहीं दंतेवाड़ा में पुलिस कॉलोनी के बाहर पहरा लगाया गया है। घरों से बाहर निकलने वाली महिलाओं की तस्वीर खींची जा रही है। दुर्ग और कांकेर पुलिस लाइन के मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया गया है। दंतेवाड़ा की पुलिस लाइन व सीएफ बटालियन के दरवाजों पर जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अधीक्षकों ने पुलिस कर्मियों की रुटीन छुट्टियां रद्द कर दी हैं। अब सिर्फ उन्हीं पुलिकर्मियों को छुट्टी मिलेगी, जिसे अवकाश अति आवश्यक है। पुलिस विभाग ऐसे जवानों की सूची बना रहा है, जिनके परिवार की महिलाएं प्रदर्शन में शामिल रहीं। एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि आंदोलन थमने के बाद कार्रवाई की जाएगी। 

बताया जा रहा है कि जगदलपुर में रंजना के पति विनोद यादव का तबादला नक्सल प्रभावित मारडूम करने के बाद ही आवास खाली करने का नोटिस थमा दिया गया । इस फरियाद को लेकर उसकी पत्नी रंजना यादव एसपी डी. श्रवण के पास पहुंचीं, लेकिन एसपी ने उसे डांटकर भगा दिया । इस बात से क्षुब्ध रंजना ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की । धमतरी के 11 आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों का दोष सिर्फ इतना था कि इन लोगों ने सोशल मीडिया पर आंदोलन और अपनी मांगों से जुड़े पोस्ट को फॉरवर्ड किया था। पुलिस ने इस हरकत को धारा-311 का उल्लंघन माना है और द्रोह करने का आरोप लगाते हुए 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है। एसपी ने पूछा है कि आखिर आपको बर्खास्त क्यों ने किया जाए?। इसके अलावा पुलिस अब सोशल मीडिया ग्रुप्स पर भी कड़ी निगरानी रख रही है। जिला पुलिस ने इस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए चेतावनी दी है कि आगे भी कोई आंदोलन को सोशल मीडिया के जरिये चलाना चाहेगा उस पर भी इसी तरह की कार्रवाई होगी। वहीं इस बात की चर्चा है कि बर्खास्त पुलिसकर्मियों ने नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी की है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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