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राशन न मिलने से बुजुर्ग महिला की तड़प-तड़पकर मौत

राशन न मिलने से बुजुर्ग महिला की तड़प-तड़पकर मौत

गिरीडीह (झारखंड)। मंगरगड्डी गांव में सरकारी अधिकारियों की मनमानी के चलते सावित्री देवी नाम की एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। महिला को कई दिनों तक भोजन नहीं मिला, जिसके कारण उसने तड़प-तपड़कर दम तोड़ दिया। सावित्री देवी को सरकारी तंत्र एक राशन कार्ड तक मुहैया नहीं करा सका। घोर गरीबी में जकड़ी सावित्री को राशन कार्ड के अभाव में सरकार से मिलने वाला राशन नहीं मिला। छह साल पहले पेंशन की स्वीकृति होने के बावजूद अब तक उसकी पेंशन का भुगतान भी शुरू नहीं हो पाया था। कहने को तो देशभर में सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू कर रखा है, जिसके तहत हर गरीब परिवार को अनाज मिलना चाहिए। सरकार ने गरीब परिवार को अनाज देने की जिम्मेदारी जनवितरण प्रणाली की दुकानों को दे रखी है।

आपको बता दें कि सावित्री के नाम पर पूर्व में राशन कार्ड जारी किया गया था। उससे वह राशन लेती थी। 2012 में उसके राशन कार्ड को रद्द कर विभाग ने नया राशन कार्ड बनवाने की बात कही थी। लेकिन कई साल तक राशन कार्ड बनवाने के लिए चक्कर काटने के बाद भी महिला को नया राशन कार्ड नसीब नहीं हुआ। मंगरगड्डी गांव के मुखिया का कहना है कि सावित्री देवी ने राशन कार्ड बनाने के लिए चार महीने पहले ही ऑनलाइन आवेदन किया गया था। लेकिन नियमों के चलते उसे सत्यापित करके आगे नहीं बढ़ाया गया। यही कारण था कि राशन कार्ड नहीं बन पाया। यदि उसे राशन कार्ड मिला होता तो भूख से उसकी मौत नहीं होती। वहीं मार्केटिंग ऑफिसर शीतल प्रसाद काशी ने आरोपों से पल्ला झड़ते हुए पंचायत सचिव पर आरोप जड़ दिया। उसका कहना था कि पंचायत सचिव ने आवेदन को सत्यापित करके उन्हें नहीं दिया। इसी के चलते महिला का राशन कार्ड नहीं बन सका। और महिला की मौत हो गयी। जबकि विभाग के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि राशन कार्ड के लिए जब से ऑनलाइन आवेदन होने लगे हैं, तब से इसमें पंचायत सेवक की भूमिका खत्म हो गई है। ऐसे में मार्केटिंग ऑफिसर द्वारा पंचायत सचिव को जिम्मेदार ठहराना समझ से परे है। अब देखना है कि राशन न मिलने के चलते हुई महिला की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या फिर हमेशा की तरह लीपापोती करके मामले को खत्म कर दिया जाता है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार