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अवैध उगाही की आरोपी क्राइम ब्रांच टीम बर्खास्त

अवैध उगाही की आरोपी क्राइम ब्रांच टीम बर्खास्त

नोयडा (उत्तर प्रदेश)। एक सिपाही के ट्वीट से नोयडा क्राइम ब्रांच की टीम के काले कारनामे का पर्दाफाश कर दिया है। क्राइम ब्रांच की टीम की अवैध उगाही के खुलासे के बाद एसएसपी ने क्राइम ब्रांच के 16 पुलिसकर्मियों की पूरी टीम को भंग कर दिया है। साथ ही नोएडा क्राइम ब्रांच के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, नोएडा क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मियों के दो गुटों के बीच उगाही के पैसे के बंटवारे को लेकर उपजे विवाद के बाद यह रेट लिस्ट सामने आयी है। हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल ने मामले की गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच नगर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह को सौंप दी है। 

आम तौर पर उत्तर प्रदेश पुलिस पर रिश्वतखोरी के आरोप हमेशा लगते रहे हैं। लेकिन अवैध उगाही की इस रेट लिस्ट के खुलासे ने लखनऊ में सीनियर अधिकारियों के भी होश उड़ा दिए हैं। नोएडा क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मी संजीव तेवतिया ने उगाही के इस पूरे बही खाते को अपने सीनियर अधिकारियों को भेजा था, जो लीक होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सिपाही ने अपने ट्वीट में सिलसिलेवार बताया है कि किस तरह क्राइम ब्रांच की टीम अवैध वसूली करती थी। इस रेट लिस्ट में साफ-साफ लिखा है कि किस कारोबारी से कितने पैसे मिलते हैं और पुलिस कहां-कहां से कितने पैसे वसूलती है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस बही खाते में इंस्पेक्टर से लेकर एसपी तक को मिलने वाले पैसों का लेखा जोखा दर्ज है। उसने अपराध रोकने के लिए गठित क्राइम ब्रांच के अफसरों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी से लेकर जिले के पुलिस कप्तान तक को ट्वीट किया है। उसने ट्वीट के जरिए फोन नंबर देकर अफसरों को जानकारी दी है कि क्राइम ब्रांच के लोग कहां-कहां से रिश्वत लेते हैं। उसने नकली सीमेंट बेचने वाले, होटल चलाने वाले, सरिया चोरी का धंधा करने वाले, नकली डीजल बेचने वाले, सट्टा जुआ चलाने वालों के अलावा कई तरह के और अनैतिक कार्य करने वाले लोगों से वसूली जाने वाली रकम का ब्यौरा दिया है। इस ट्वीट में उसने आरोप लगाया है कि जनपद में तैनात एसपी स्तर के एक अधिकारी प्रतिमाह 25 हजार रुपए रिश्वत लेते हैं। इस आरोप के चलते पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। 

इतनी ही नहीं सिपाही संजीव ने अपने ट्वीट में नोयडा में चल रहे एनकाउंटर पर भी सवाल उठाया है। उसने हाल ही में नोएडा पुलिस द्वारा एक मुठभेड़ में मारे गए श्रवन नामक बदमाश के एनकाउंटर को फर्जी बताया है। उसने लिखा है कि श्रवन के एनकाउंटर करवाने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपया दिया गया है। और साथ ही 50 हजार रुपया अभी देना है। इन सनीसनीखेज खुलासों के बाद योगी सरकार के एनकाउंटर की सच्चाई की पोल खुल गयी है। योगी सरकार देशभर में अपनी पीठ थप-थपा रही है कि उसने प्रदेश के अपराधियों का एनकाउंटर करके उनकी कमर तोड़ दी है, जिससे प्रदेश में अपराथ में कमी आ गयी है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही सामने आ रही है। ऐसा लगता है कि जिस क्राइम ब्रांच पर सरकार ने अपराधियों पर नियंत्रण करने की जिम्मदारी सौंपी थी, वही अवैध उगाही और फेक एनकाउंटर में संलिप्त थे।  

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार