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रिश्वतखोरी के चलते महिला ने बच्चे को सीढ़ी पर दिया जन्म

रिश्वतखोरी के चलते महिला ने बच्चे को सीढ़ी पर दिया जन्म

सीकर (राजस्थान)। जिले के एक हॉस्पिटल में मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना सामाने आयी है, जहां प्रसव पीड़ा के चलते एक गर्भवती महिला छह घंटे तक लेबर रूम में तड़पती रही। वहीं रिश्वत नहीं देने से नाराज हास्पिटल के स्टाफ ने पीड़ित महिला को जयपुर रेफर कर दिया। ऐसी दशा में बेबस परिवार प्रसूता को लेकर हास्पिटल की सीढ़ियों से उतर रहा तभी उसने एक बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि समय रहते प्रसूता की जेठानी ने नवजात को संभाल लिया। वहीं बच्चे के जन्म की सूचना मिलने पर हास्पिटल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। कर्मचारी आनन-फानन में जच्चा-बच्चा को स्ट्रेचर में लेटाकर लेबर रूम ले गए, जहां दोनों की देखभाल शुरु कर दी। 

परिजनों का कहना है कि पीड़िता मंजू (28) पत्नी भगवानाराम को देर रात प्रसव पीड़ा हुई तो परिवार मंगलवार सुबह चार बजे मंजू को जनाना अस्पताल लेकर पहुंचा। और स्टाफ ने मंजू को भर्ती कर लिया। परिजनों का आरोप है कि मंजू को भर्ती करने के बाद लेबर रूम में कार्यरत स्टाफ ने सुरक्षित डिलीवरी कराने के नाम पर 1600 रुपए की रिश्वत मांगी। वहीं पीड़िता मंजू लेबर रूम में तड़पती रही। परिजन इलाज की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। स्टाफ धमकाता रहा कि गर्भ में बच्चा उल्टा है। अगर उन्होंने रिश्वत नहीं दिया तो ज्यादा समय लग सकता है। गर्भ में बच्चे को खतरा है। वहीं रिश्वत न दिए जाने पर सुबह 10.15 बजे मंजू को जयपुर रैफर कर दिया। ड्यूटी डॉक्टर ने जरा भी रहम नहीं दिखाया। और महिला का रैफर कार्ड तैयार कर दिया। परिवार लेबर रूम से पीड़िता को लेकर जैसे ही अस्पताल की सीढ़ियों तक पहुंचा। मंजू ने नवजात को जन्म दे दिया। साथ चल रही जेठानी फूलदेवी ने समय रहते नवजात को संभाल लिया। इसके चलते वह सीढ़ियों पर नहीं गिरा। इसके बाद मंजू की जेठानी और दूसरी तीमारदार महिलाओं ने उसे फर्श पर लिटाकर डिलीवरी कराई।

वहीं मामले की सूचना मिलने पर हास्पिटल का स्टाफ मौके पर पहुंचा गया। और परिवार को धमकाया कि अगर उनके खिलाफ मुंह खोला तो मुकदमा दर्ज करा देंगे। इसके बाद परिजन मंजू को वापस लेबर रूम में लेकर गए। दोपहर को उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया।

इतना ही नहीं स्टाफ ने फैमिली को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुबह चार बजे स्टाफ ने भर्ती करते ही ब्लड की जरूरत बताई। स्टाफ ने यहां तक कहा कि यहां ब्लड की कोई टोंटी थोड़ी लगी है। कोई आया तो उसे ब्लड चढ़ा दिया। इस पर मंजू के ससुर सुबह जल्द अस्पताल पहुंचे। ब्लड डोनेट कर मंजू के ग्रुप का ब्लड लिया।

हालांकि परिवार ने रिश्वत मांगने और इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत स्वास्थ्य अफसरों से की है। प्रभारी डॉ. बीएल राड़ का कहना है कि बख्शीश मांगने के आरोपों की जांच की जाएगी। दोषी स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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