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अब महिला इंस्पेक्टर व दारोगा भी होंगी थाना-चौकी की इंचार्ज

अब महिला इंस्पेक्टर व दारोगा भी होंगी थाना-चौकी की इंचार्ज

देहरादून (उत्तराखंड)। महिला सशक्तिकरण के तहत पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को एक सराहनीय कदम उठाया है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जनपदों में थाना और चौकी इंचार्ज की जिम्मेदारी महिला इंस्पेक्टरों और दारोगा को भी देने के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में मुख्यालय ने जनवरी तक गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के डीआईजी से प्रत्येक जनपद की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इन महिलाओं को जिम्मेदारी देने से पहले योग्यता, कार्यक्षमता और वरिष्ठता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

अशोक कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अनुसार महिला इंस्पेक्टर और दारोगाओं को भी थाना और चौकियों में बतौर इंचार्ज के अवसर मिलने जरुरी हैं। इससे उनकी कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया गया है। 

आपको बता दें कि राज्य में करीब नौ महिला इंस्पेक्टर और 297 महिला दारोगा वर्तमान में कार्यरत हैं। इसके अलावा अभी 40 महिला दारोगा भी पीटसी नरेन्द्रनगर में ट्रेनिंग ले रही है। मगर अभी तक हरिद्वार में महिला इंस्पेक्टर को थाना प्रभारी और दो महिला दरोगा को देहरादून में चौकी प्रभारी का दायित्व दिया गया है। इसके अलावा अन्य महिला अधिकारियों को मौका नहीं दिया गया था।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

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साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार