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गोरखपुर त्रासदी के आरोपी डाॅक्टर दंपति को कोर्ट ने भेजा जेल

गोरखपुर त्रासदी के आरोपी डाॅक्टर दंपति को कोर्ट ने भेजा जेल

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)। आखिरकार बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों के मौत के मामले में नामजद निलंबित प्राचार्य डाक्टर राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डाक्टर पूर्णिमा शुक्ला को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में आज पेश किया गया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने डाक्टर राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डाक्टर पूर्णिमा शुक्ला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। केस दर्ज होने के बाद एसटीएफ इस डाक्टर दंपति को कानपुर से गिरफ्तार करके बुधवार की शाम को गोरखपुर लेकर आयी। अब एसटीएफ इस दंपति से थाने में मेडिकल कालेज की त्रासदी के बारे में पूछताछ कर रही है। हालांकि इस मामले में नामजद अन्य आरोपियों की अभी तलाश की जा रही है। 

आपको बता दें कि बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में 10 और 11 अगस्त की रात को आक्सीजन खत्म होने की वजह से 35 से अधिक बच्चों की मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया था। वहीं अपनी गलतियों को स्वीकार करने की बजाय प्रशासन और प्रदेश सरकार यह दावा करती रही कि बच्चों की मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। हालांकि इस मामले पर हंगामा मचने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के मामले की जांच के आदेश दे दिए। जिसके बाद मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र, उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला के साथ ही इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी डा. कफील खान सहित नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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