Main Menu

जानें, अनोखे 'दामाद संघ' का अनोखा काम !

जानें, अनोखे 'दामाद संघ' का अनोखा काम !

कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)। हमारे देश में आमतौर पर लोग किसी भी तरह के काम के लिए सरकारी व्यवस्था के इंतजार में बैठे रहते हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक दूसरे की मदद के लिए एक ऐसा अनोखा संघ बनाया गया है, जिसका नाम पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। इस संघ का नाम है दामाद संघ। इसके अध्यक्ष के अनुसार संघ का उद्देश्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान व मुसीबत में एक-दूसरे की मदद करना है। 

दामाद संघ के अध्यक्ष मंडी जिले के बल्ह निवासी अध्यक्ष एल आर गुलशन हैं। इनकी शादी कुल्लू जिले में हुई है। कुल्लू जिले के कुछ रीति-रिवाज मंडी जिले से काफी अलग हैं। इसलिए उन्होंने कुल्लू जिले के कुछ रीति-रिवाजों को आत्मसात किया, लेकिन इसी दौरान उन्हें विचार आया कि क्यों न सांस्कृतिक आदान प्रदान को एक मंच दिया जाए। इसलिए उनके मन में दामाद संघ के गठन का विचार आया। इसके बाद उन्होंने अपने जिले में ऐसे लोगों के साथ इसकी चर्चा की जिनकी शादी कुल्लू जिले में हुई है। बातचीत के बाद ज्यादातर ने इस पर सहमति जताई। और फिर दामाद संघ अस्तित्व में आ गया। 

आपको बता दें कि पांच वर्ष पहले अस्तित्व में आए दामाद संघ में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की बेटियों से शादी की है। इस संघ का उद्देश्य है सांस्कृतिक आदान-प्रदान व मुसीबत में एक-दूसरे की मदद करना। संघ से अब तक करीब 700 लोग जुड़ चुके हैं। इसके सदस्य सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के माध्यम से आपस में जुड़े रहते हैं। जब भी मौका मिलता है संघ की बैठक की जाती है। इस संघ से जुड़ने के लिए कोई फीस नहीं रखी गयी है। इसमें शामिल होने के लिए केवल एक ही शर्त है कि संबंधित व्यक्ति की शादी कुल्लू जिले की बेटी से हुई हो । साथ ही एक नियम यह भी है कि इसमें तलाकशुदा या दो शादियां करने वाले व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाता है। 

दामाद संघ की जब बैठक होती है तो सभी सदस्य अपने-अपने जिले के रीति रिवाजों के बारे में बताते हैं। और फिर ये लोग जब अपने-अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं तो इन रीति-रिवाजों की चर्चा करते हैं। ऐसे रीति-रिवाजों की भी बैठक में जानकारी दी जाती है, जिन्हें दूसरे जिले के लोगों ने अपनाया है। संघ के सदस्यों की पत्नियां भी इसमें पूरा सहयोग देती हैं।

हालांकि अब दामाद संघ ने विस्तार करने की योजना बनायी है। अब तक इस संघ में केवल हिमाचल प्रदेश से संबंधित दामाद ही सदस्य बन सकते थे, लेकिन दामाद संघ ने फैसला लिया है कि अब देश के अन्य राज्यों से संबंधित दामादों को भी इस संघ में शामिल जाएगा। इतना ही नहीं विदेशी दामाद जिन्होंने कुल्लू आकर हिंदू रीति रिवाज से कुल्लू की बेटियों से शादी की है और यहीं रह रहे हैं, उन्हें भी दामाद संघ का सदस्य बनाया जाएगा। जिससे बड़े स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ ही मुसीबत में एक-दूसरे की मदद की जा सके।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार