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नटवरलाल ने 30 साल में एक साथ की 3 सरकारी नौकरी !

नटवरलाल ने 30 साल में एक साथ की 3 सरकारी नौकरी !

किशनगंज (बिहार)। व्यापारियों और दुकानदारों से धोखाधड़ी करने वाले नटवरवाल के बारे में आपने बहुत सुना होगा, लेकिन बिहार के किशनगंज में सरकारी नौकरी की धोखाधड़ी करने वाले एक नटवरलाल का खुलासा हुआ है। सुरेश राम नाम का यह नटवरलाल 30 वर्ष से एक साथ तीन जिलों के दो सरकारी विभागों में तीन पदों पर नौकरियां कर रहा था। और भ्रष्ट व्यवस्था का फायदा उठाकर तीनों जगहों से हर माह वेतन और पदोन्नति का फायदा उठा रहा था। उसके इस कारनामे का खुलासा वेतन देने की नई व्यवस्था वृहद वित्‍तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) से हुआ। अब एफआईआर दर्ज होने के बाद सुरेश राम फरार चल रहा है।

पटना जिले के बभौल गांव के रहने वाले नटवरलाल सुरेश राम को पहली नौकरी राज्‍य सड़क निर्माण विभाग में 20 फरवरी, 1988 को पटना में सहायक अभियंता के पद पर मिली थी। एक साल बाद 1989 में सुपौल में जल संसाधन विभाग के पूर्वी तटबंध भीमनगर में भी उसकी नियुक्ति हो गयी। इतना ही नहीं जब तीसरी नौकरी का लेटर बांका में जल संसाधन विभाग से सहायक अभियंता पद के लिए आया तो उसने इसे भी ज्वाइन कर लिया। और भ्रष्ट व्यवस्था का फायदा उठाते हुए वह वेतन और पदोन्नति लेता रहा। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब वेतन भुगतान की नई प्रणाली सीएफएमएस के तहत सुरेश राम का दस्तावेज डाला गया। इसमें खुलासा हुआ कि तीन विभाग में एक ही नाम, जन्मतिथि से एक ही व्यक्ति सहायक अभियंता के रूप में कार्यरत है। जब मामले की गहराई से जांच की गयी तो पता चला कि एक ही कर्मचारी तीन जगह से वेतन ले रहा है। इसके बाद सरकार के उपसचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने सुरेश राम को सभी प्रमाणपत्र लेकर 22 जुलाई को पटना मुख्यालय में बुलाया। लेकिन वह उपसचिव के समक्ष प्रस्तुत होने की बजाय मोबाइल बंद कर भूमिगत हो गया। इसके बाद उपसचिव ने सुरेश राम के खिलाफ किशनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। अब एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह फरार है। वहीं, किशनगंज के डीएसपी अजय कुमार झा का कहना है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। मामले की जांच के बाद सारी बातें सामने आ जाएंगी तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि सीएफएमएस वित्तीय प्रबंधन का एक नया तरीका है, जिसके जरिए विभाग और संगठन अपनी आय, व्यय और संपत्ति का प्रबंधन करते हैं। नई व्यवस्था लागू होने से वित्त विभाग को सारी जानकारी समय-समय पर उपलब्ध होती है। इस सॉफ्टवेयर से महालेखाकार कार्यालय और रिजर्व बैंक को भी जोड़ा गया है, जिससे ई-बिलिंग की शुरुआत भी हो गई है। इस सॉफ्टवेयर में बिहार के सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य कार्यों के लिए आधार कार्ड, जन्मतिथि और अन्य जानकारी डाली जाती हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान जब सुरेश राम का दस्तावेज डाला गया तो खुलासा हुआ कि बिहार के तीन विभागों में एक ही नाम, जन्मतिथि से सुरेश राम नाम का व्यक्ति कार्यरत है। सुरेश कुछ ही दिनों बाद सेवानिवृत्त भी होने वाला था। वहीं इस खुलासे के बाद संबंधित विभाग में हड़कंप मचा गया है। 

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिव्यांग का अधिकार

बंदी (कैदी) का अधिकार

भवन निर्माण का अधिकार

साइबर (इंटरनेट) सेवा का अधिकार