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छात्र-छात्राएं रोते हुए बोली, सर 'हमें छोड़कर मत जाओ'

छात्र-छात्राएं रोते हुए बोली, सर 'हमें छोड़कर मत जाओ'

कटनी(मध्य प्रदेश)। गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय। संत कबीर अपने इस दोहे में गुरु का महत्व बताते हुए कहते हैं कि गुरू और गोविंद (भगवान) एक साथ खड़े हों तो गुरू के श्रीचरणों में शीश झुकाना चाहिए, जिनकी कृपा रूपी प्रसाद से गोविन्द का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। कुछ ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश के कटनी जिले माध्यमिक स्कूल में देखने को मिली है, जहां स्कूल से शिक्षक के स्थानांतरण की जानकारी मिलते ही छात्र और छात्राएं शिक्षक से लिपटकर बिलख-बिलखकर रोने लगे। और उन्हें छोड़कर नहीं जाने की गुहार लगाने लगे। इन मासूम बच्चों को दिलासा देते समय शिक्षक भी खुद भी रोने लगे। इन भावनात्मक पल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील तिलमन गांव के सरकारी माध्यमिक स्कूल में गणित  पढ़ाने वाले मंगलदीन पटेल का स्थानांतरण जिले के ही कुठला माध्यमिक स्कूल में हो गया है। सोमवार को जब वह स्कूल पहुंचे और बच्चों से स्थानांतरण की बात बतायी और स्कूल नहीं आने की बात कही तो कक्षा में बच्चे उनसे लिपटकर जोर-जोर से रोने लगे। मासूम बच्चे कहने लगे कि ''सर जी, आप हमें छोड़कर मत जाओ.'' छात्र-छात्राओं को रोता हुआ देखकर शिक्षक मंगलदीन पटेल भी भावुक हो गए और उनकी आंखे भी भर आई । और उन्होंने बच्चों से कहा कि वह फिर से लौटकर आएंगे। उनकी विदाई के दौरान गांव के लोगों के आंखों में भी आंसू थे।

बताया जा रहा है कि शिक्षक मंगलदीन पटेल स्कूल के छात्र-छात्राओं को बहुत बढ़िया तरीके से पढ़ाई-लिखाई करा रहे थे। वह स्कूल के बच्चों को इस योग्य बना चुके हैं कि यहां के कई बच्चे जिले का नाम रोशन कर चुके हैं। मंगलदीन पटेल की छात्रों को पढ़ाने की रुचि का नतीजा ही था कि 2017 में जूनियर ओलिंपियाड परीक्षा में जिले से सिर्फ इसी तिलमन गांव के स्कूल के 11 छात्र पास हुए थे। शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य के लिए मंगलदीन पटेल को तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन और कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सम्मानित किया था। शिक्षक मंगलदीन पटेल पिछले 17 वर्षों से तिलमन गांव में ही रहकर स्कूल में पदस्थ थे।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने के लिए UIDAI ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) जारी किया है। जिसे 12 अंकों का आधार नंबर बताए बिना ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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