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शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना

शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना

यदि आप शराब पीकर वाहन चलाते हैं तो हो जाइये सावधान ! क्‍योंकि ऐसा करने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।

  • नये यातायात नियम के अनुसार अब गलती बार-बार करने पर और खून में अल्कोहल की मात्रा ज्‍यादा निकलने पर ज्‍यादा जुर्माना और कम निकलने पर कम जुर्माना लगेगा।
  • वाहन चलाते समय 100 एमएल रक्त में अल्कोहल की मात्रा 30 एमजी होगी, तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा,
  • शराब पीकर वाहन चलाने पर यदि एमएल रक्‍त में अल्‍होहल की मात्री 30 से 60 है तो जर्माना 2000 रूपया या छह माह की सजा हो सकती है,
  • यदि वाहन चलाते समय 100 एमएल रक्त में शराब की मात्रा 60 से 150 एमजी होगी, तो एक साल की सजा या 4,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
  • यदि आप तीन साल में इस तरह का उल्‍लंघन दोहराते है तो जुर्माना बढ़कर 8,000 रुपये या सजा तीन साल की हो जाएगी।
  • ऐसे वाहन चालक जिनके 100 एमएल रक्त में शराब की मात्रा 150 एमजी से अधिक होगी उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा या फिर उन्हें दो साल की जेल होगी।
  • वाहन चालक के द्वारा तीन साल में इसी तरह के उल्लंघन को दोहराने पर जुर्माना राशि 10,000 रुपये या सजा चार साल की हो जाएगी। इसके लिए उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।
  • यदि कोई व्‍यक्ति नशीली दवा खाकर वाहन चलाने का दोषी पाया जाता है तो उसको छह माह की सजा या 5,000 रुपये का जुर्माना, बार-बार के इस तरह के उल्लंघन पर 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ छह माह की सजा के अलावा लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
  • ऐसे मामलों में पुलिस ऑन द स्पॉट जुर्माना नहीं करती है। सभी चालान कोर्ट को भेजे जाते हैं और कोर्ट ही जुर्माने या सजा का फैसला करती है। अगर ऐसा शख्स दी गई तारीख पर कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उसके खिलाफ समन और वॉरंट भी जारी हो सकता है और जरूरी पड़ने पर उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
  • यदि शराब के नशे में चालान काटा गया है तो आप मैं खुद वाहन चलाकर नहीं जा सकते हैं । आपको किसी ऐसे दूसरे ड्राइवर की मदद लेनी होगी जो नशे में न हो। यदि ऐसा कोई ड्राइवर आपके साथ नहीं है तो फिर पुलिस आपके वाहन को जब्त कर लेगी और आपको ऑटो या कैब से घर जाना पड़ेगा। फिर कोर्ट की कार्यवाही पूरी होने पर ही आपकी गाड़ी आपको वापस मिल सकेगी।

     

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार