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शस्त्र लाइसेंस कैसे प्राप्त करें

शस्त्र लाइसेंस कैसे प्राप्त करें

शस्त्र लाइसेंस किसे मिलेगा 

  • नए नियम के तहत अपराध से पीड़ित व्यक्ति (महिला या पुरुष), विरासत स्वरूप मिलने वाला शस्त्र जिसे संबंधित लाइसेंसधारी कि अगली पीढ़ी या दूसरी (अगली) पीढ़ी को दिया जाना हो या शूटिंग खिलाड़ी को ही शस्त्र लाइसेंस मिलेगा।
  • ठेकेदार, नेता, प्रतिनिधि या अन्य व्यक्तियों को लाइसेंस लेने के लिए सीधे शासन की अनुमति लेनी होगी। शासन से अनुमति के बाद ही इन पर विचार किया जाएगा। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान पूरी जांच-पड़ताल के बाद केंद्र की गाइड लाइन के आधार पर लागू नए नियमों पर ही शस्त्र लाइसेंस जारी करेंगे।
  • शस्त्र नियम में संशोधन होने से उन व्यक्तियों को शस्त्र लाइसेंस मिलने की संभावना ख़त्म हो जाएगी, जिनके पूर्वजों का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं था। 
  • शस्त्र लाइसेंस आवेदक को पूर्णतः स्वस्थ होने पर ही लाइसेंस दिया जा सकता है।
  • यदि आवेदक का कोई अंग भंग है या फिर कोई दृष्टि दोष है तो उसे लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है।

शस्त्र लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण 

  • नए शस्त्र नियम, 2016 के अनुसार किसी शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी व्यक्ति को या किसी राइफल क्लब या संघ या फायरिंग रेंज के लिए आवेदन करने के लिए या इस तरह के क्लब या निर्माता या विक्रेता द्वारा नियुक्त कर्मचारी के लिए शस्त्र एवं गोलाबारूद सुरक्षा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करना होगा।
  • नये नियमों के मुताबिक जिसे शस्त्र चलाना आता है उसे ही लाइसेंस मिल सकता है। इसके लिए उसे परीक्षा भी देनी होगी।
  • आवेदक का शस्त्र प्रशिक्षण जिले की पुलिस लाइन में होगा, जिसके लिए महीने के दो दिन तय किए जाएंगे। उन दो दिनों में ही आवेदक को शस्त्र प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • ये शस्त्र प्रशिक्षण तब तक दिया जा सकता है, जब तक की संबंधित आवेदक एस-1 सर्टिफिकेट पाने की दक्षता न प्राप्त कर ले।
  • पुलिस लाइन के सीओ की अध्यक्षता में आरआई और आर्मरर की एक समिति होगी जो प्रशिक्षण उपरांत आवेदक को एस-1 सर्टिफिकेट जारी करेगी। साथ ही हर पुलिस लाइन में एक रजिस्टर होगा। जिसमें एस-1 सर्टिफिकेट पाने वाले आवेदकों का पूरा ब्योरा दर्ज रहेगा।
  • उत्तर प्रदेश में शस्त्र लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदक को एसपी-एसएसपी स्तर के अफसर के सामने शस्त्र चलाने की परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा में प्रयुक्त होने वाले कारतूस का खर्च भी आवेदक को भरना होगा।
  • पहले से जारी शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण पर भी परीक्षा पास करना जरूरी होगी। आवेदक परीक्षा पास नहीं करेगा तो उसके लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा। 

शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन 

  • शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन के लिए आपको सबसे पहले 'फॉर्म ए' भरना होगा, जो शस्त्र लाइसेंस के नियम, 1962 के तहत दिया गया है।
  • आवेदन को वेबसाइट से डाउनलोड करके उसे सहायक दस्तावेजों के साथ शस्त्र लाइसेंस देने के दफ्तर में जमा करना होता है, जो आपके इलाके के डीएम या डिप्टी कमिश्नर या पुलिस कमिश्नर के तहत आता हो।
  • लाइसेंसधारी अब 25 कारतूस ही रख सकेंगे और 25 से ज्यादा कारतूस खरीदने के लिए शासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
  • हालाँकि यदि किसी लाइसेंस धारक की मृत्यु हो जाती है तो अधिकारी उसके लीगल उत्तराधिकारी ने नाम पर लाइसेंस जारी कर सकेंगे।
  • शस्त्र अधिनियम की धारा 3 के तहत, किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी शस्त्र को रखने, लाने और ले जाने के लिए एक सक्षम लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया लाइसेंस रखना अनिवार्य है। 

लाइसेंस आवेदन के लिए दस्तावेज 

  • लाइसेंस देने वाला व्यक्ति आपके हथियार और उसकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग कई दस्तावेज मांग सकता है। हालांकि, आपको अपनी पहचान, पता, उम्र और फिटनेस प्रूफ देना ही होगा। साथ ही आपको यह भी बताना होगा कि आप कौन सा शस्त्र खरीदना चाहते हैं।
  • इसके अलावा आपको अपनी दो पासपोर्ट साइज की तस्वीरें भी देनी होंगी।
  • लाइसेंस आवेदक के आपराधिक रिकार्ड के बारे में आस पास के थानों से जानकारी ली जाती है।
  • आवेदक का चरित्र सत्यापन (आवेदक की आपराधिक छवि जानने के लिए) भी पुलिस व खुफिया विभाग से कराया जाता है।
  • आवेदक को मुख्य चिकित्साधिकारी से फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है।
  • आवेदक को अपना पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र को आवेदन के साथ ही जमा करना होगा।
  • आवेदक के फार्म पर लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एसडीएम की रिपोर्ट ली जाती है।
  • सम्बंधित जिले के एसडीएम और एसपी; आवेदक के पूरे कागजात होने के बाद आवेदक की फाइल को जिलाधिकारी को भेजते हैं।
  • कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद जिलाधिकारी अपने विवेकानुसार शस्त्र लाइसेंस जारी कर देते हैं।
  • शस्त्र लाइसेंसधारी की 65 वर्ष से अधिक उम्र होने पर नवीनीकरण के समय मेडिकल फिटनेस भी लगाना जरूरी होगा।
  • नये आवेदकों को बैंक से कोई ऋण न होने का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी देना होगा।
  • अगर आवेदक के पास शस्त्र का एक लाइसेंस पहले से है तो दूसरे लाइसेंस के लिए आवेदक को पहले निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होगी, उसके बाद कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी जिसमें डीएम,डीआईजी और संबंधित जिले का एसपी भी शामिल होगा। अप्रूवल के बाद ही दूसरा लाइसेंस जारी होगा।
  • तीसरे लाइसेंस के आवेदन पर गृह सचिव की कमेटी का अनुमोदन होने पर ही जारी हो सकेगा। पहले तीनों लाइसेंस जिले स्तर से ही प्रदान किए जाते थे। 

लाइसेंस के लिए निर्धारित फीस 

  • केन्द्र सरकार के शस्त्र लाइसेंस के नियमों के तहत आवेदक को गन के नवीनीकरण के लिए 500, रिवाल्वर के लिए 500 व रायफल के लिए 500 रुपए देना होगा।
  • वहीं नए लाइसेंस के लिए 1500 रुपए फीस जमा करना होगी।
  • पहले जो कारतूस 50 से 60 रुपए में मिलता था उसकी कीमत अब 200 रुपए हो गई है।
  • वहीं रिवाल्वर की एक गोली की कीमत 120 से 130 रुपए है। 

लाइसेंस मिलने में लगने वाला समय

  • गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार लाइसेंस मिलने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है।
  • शस्त्र लाइसेंस महीने भर के अंदर भी मिल सकता है, जबकि कुछ को लाइसेंस मिलने में साल भर तक का भी समय लग सकता है। 

लाइसेंस का आवेदन खारिज भी हो सकता है

  • अगर आपके आवेदन से लाइसेंस देने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की आपत्ति होती है तो आपके आवेदन को खारिज भी किया जा सकता है।
  • हालांकि, अगर आप चाहते हैं तो आपकी मांग पर आपके लाइसेंस का आवेदन खारिज करने की पूरी जानकारी लिखित में दी जा सकती है।
  • वहीं दूसरी ओर, अगर लाइसेंस देने वाले अधिकारी को लगता है कि आवेदन का कारण बताना जनहित में नहीं है तो वह कारण बताने से मना भी कर सकता है।
  • आप चाहें तो आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 18 और आर्म्स रूल 1962 के नियम 5 के तहत आपका आवेदन खारिज करने के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं। 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार