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गाड़ी चोरी होने पर क्या करें

गाड़ी चोरी होने पर क्या करें

यदि चोरी की गयी आपकी गाड़ी तुरंत तलाश करने पर न मिले तो सबसे पहले पुलिस को कॉल करें और फिर थाने जाकर केस दर्ज करवाएं। चोरी करने वाला व्यक्ति आपकी गाड़ी का इस्तेमाल करके कोई आपराधिक गतिविधि जैसे हत्या, चोरी, लूटपाट, एक्सीडेंट या कुछ और करता है तो पुलिस सबसे पहले गाड़ी के मालिक को ही पकड़ती है। सभी धाराएं गाड़ी मालिक के खिलाफ लगा दी जाती हैं। ऐसे में आपको पुलिस के सामने यह साबित करना होता है कि आपकी गाड़ी चोरी हुई थी। यदि आप यह साबित नहीं कर पाते हैं तो आप जिंदगीभर की मुसीबत में पड़ सकते हैं। 

गाड़ी चोरी होने पर क्या करें 

  • यदि 100 नंबर डायल हो रखा हो तो केस दर्ज करने के लिए एक अहम सपॉर्ट होता है, क्योंकि 100 के कॉल का रेकॉर्ड होता है और ऐसे में शिकायती की सचाई सामने होती है।
  • 100 डायल करने पर पुलिस मौके पर आती है और थाने को भी सूचित कर देती है और लोकल पुलिस मौके पर आ जाती है और गाड़ी मालिक वहीं शिकायत दर्ज करा सकता है।
  • इसके बाद बीमा कंपनी को कॉल करके गाड़ी चोरी होने की सूचना दें। पुलिस एफआईआर की कॉपी और गाड़ी के दस्तावेज जैसे रजिस्ट्रेशन कार्ड, लाइसेंस, इंश्योरेंस आदि की कॉपी लगाकर जमा करें।
  • यदि चोरी हुई गाड़ी का बीमा है, तो बीमा क्लेम तभी मिलता है जब गाड़ी की चोरी की एफआईआर हो और पुलिस ने मामले में छानबीन के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा रखी हो। 
  • गाड़ी चोरी की छानबीन के बाद पुलिस फाइनल रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के सामने लगाती है और वहीं से रिपोर्ट की कॉपी शिकायती को मिलती है, जो बीमा क्लेम के लिए जरूरी होता है। बिना क्लेम के बीमा नहीं मिलता।
  • गाड़ी चोरी होने पर आरटीओ को भी इस बारे में जानकारी देना चाहिए। यहां भी पुलिस एफआईआर की कॉपी, गाड़ी के कागजात और यदि गाड़ी की फोटो हो तो उसे जमा करवा दें। इससे आप भविष्य में कानूनी रुप से आप मजबूत होंगे।
  • ऐसे मामले में IPC की धारा 379 के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है और यह मामला गैर जमानती और संज्ञेय होता है। CRPC के मुताबिक ऐसे मामले में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है।
  • गाड़ी चोरी होने के बाद ऐसे मार्केट में जाएं, जहां सेकंड हेंड गाड़ियों की खरीदी बिक्री की जाती है। गाड़ी सुधारने वाले मैकेनिक से भी पूछताछ करें। पुलिस से लगातार शिकायत का फॉलोअप लेते रहें।
  • जिस क्षेत्र से गाड़ी चोरी हुई है, पता करें क्या वहां आसपास सीसीटीवी लगा है, यदि लगा हो तो पुलिस की सहायता से उसमें रिकॉर्ड वीडियो को देखें। इससे आपकी गाड़ी मिल सकती है।
  • आप चाहें तो तुरंत यह जानकारी सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर सकते हैं। जिसके जरिए हो सकता है, गाड़ी ढूंढने में मदद मिल सके। 
  • पुराने वाहन की बिक्री करने वाली ऑनलाइन वेबसाइट जैसे- olx, Quicker आदि पर चेक कर लें। यहां भी आपका वाहन मिलने की संभावना है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार