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राजस्थान में राशन डिपो का आवंटन

राजस्थान में राशन डिपो का आवंटन

राजस्थान में राशन डिपो का आवंटन 

  • राशन की दुकान खोलने के इच्छुक आवेदकों को स्नातक होने के साथ-साथ आरकेसीएल एवं अन्य समकक्ष सरकारी तथा मान्यता प्राप्त संस्थान से तीन माह का बेसिक कम्प्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है।
  • शहरी क्षेत्र में राशन डिपो आवंटन के तहत वार्ड निवासी ही आवेदन करने का हकदार होगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं की पंचायत में किसी ग्राम एवं वॉर्ड का निवासी ही आवेदन कर सकेगा।
  • सभी श्रेणी में आवेदकों की आयु 21 से 45 साल तक तय की गई है। राशन डिपो का आवंटन आवेदकों को आवंटन सलाहकार समिति के जरिए होगा।
  • उचित मूल्य दुकान के लिए आवेदन करने वाले पुरुष एवं महिला आवेदक के एक जनवरी, 2015 के बाद पैदा हुई संतान सहित दो से अधिक संतान होने पर राशन डिपो का आवंटन नहीं होगा।
  • यदि आवेदक के 31 दिसंबर, 2014 को एक ही संतान है तथा इसके बाद किसी एकल प्रसव से एक से अधिक संतानें पैदा होती है तो संतानों की गणना करते समय इस प्रकार एक प्रसव से पैदा हुई संतानों को एक इकाई ही समझा जाएगा। 

डिपो आवंटन के लिए सलाहकार समिति का गठन

  • नई उचित मूल्य दुकानें आवंटित करने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आवंटन सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।
  • शहरी क्षेत्र में नगरपरिषद व नगरपालिका के अध्यक्ष, प्रशासक या उनके की ओर से मनोनीत बोर्ड का निर्वाचित सदस्य, ग्रमीण के लिए सरपंच, महिला एवं बालविकास विभाग उपनिदेशक, सहकारिता विभाग के जिला उपपंजीयक, सहित अन्य सदस्य रहेंगे साथ ही जिला रसद अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। इनकी निगरानी में नई उचित मूल्य की दुकानें खोली जाएगी।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार