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सामाजिक सुरक्षा पेंशन भोगियों को मिलेंगे 2000 रुपए

सामाजिक सुरक्षा पेंशन भोगियों को मिलेंगे 2000 रुपए

चंडीगढ़ (हरियाणा) । हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा करते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 1800 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए प्रतिमाह कर दिया है। यह बढ़ोतरी हरियाणा दिवस यानी 1 नवंबर माह से लागू होगी। इस बढ़ोतरी से पेंशन पाने वालों को वार्षिक 207 करोड़ का फायदा होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर वित्त विभाग ने मासिक पेंशन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। 

वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान 2000 रुपये मासिक पेंशन का वादा किया था, जिसे एक साल पहले ही पूरा कर दिया गया है। अभी तक इन श्रेणियों को 1800 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिल रही थी। कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि 1 नवंबर से विधवा पेंशन, नि:शक्त जन पेंशन, लाडली पेंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, बौना भत्ता और किन्नर भत्ता को भी 1800 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2 हजार रुपए कर दिया है। उन्होंने बताया कि अब निराश्रित बच्चों को 900 रुपए प्रतिमाह की बजाय 1100 रुपए प्रतिमाह और स्कूल न जाने वाले दिव्यांग बच्चों को 1200 रुपए की बजाय 1400 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे । 

कैप्टन अभिमन्यु के अनुसार वर्तमान में हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन लेने वालों की संख्या 15,13,602 है। विधवा पेंशन पाने वाली महिलाओं की संख्या 6,73,629 और निशक्त पेंशन लेने वाले 1,53,789 हैं। लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ते के लाभार्थी 33,907 हैं और निराश्रित बच्चों की संख्या 2,11,403 है। इसी प्रकार अन्य पेंशन लेने वालों की संख्या करीब 9800 है। ऐसा माना जा रहा है कि मोहर लाल खट्टर की सरकार आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में किए गए अपने वादों को पूरा करने में लगी हुई है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार