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एसबीआई में लंबी लाइन लगाने से मिला छुटकारा

एसबीआई में लंबी लाइन लगाने से मिला छुटकारा

नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में किसी काम के लिए लाइन लगाना अब पुराने जमाने की बात हो जाएगी। बैंक की नई पहल के मुताबिक आप अपना एंड्राइड फोन उठाइए और 'नो क्यू' मोबाइल एप से बैंक में नंबर लगाइए और लंबी लाइन की परेशानी से निश्चिंत हो जाइये। नंबर लगाते ही आपको एक ई-टोकन मिलेगा। आप ई-टोकन में दिए गए समय के अनुसार बैंक में जाइए और तुंरत ही अपना काम निपटाकर घर चले आइए। एसबीआई प्रबंधन का कहना है कि पहले चरण में इसे बड़ी शाखाओं में लागू किया गया है। इनके प्रदर्शन के बाद सभी शाखाओं को इसमें शामिल कर लिया जाएगा। एसबीआइ के उप महाप्रबंधक संदीप मिश्रा का कहना है कि ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंक की लॉबी में ऑडियो-वीडियो की भी व्यवस्था की गयी है। 

आपको बता दें कि एसबीआई द्वारा शुरु किए गए इस 'नो क्यू' मोबाइल एप से 18 सेवाओं को जोड़ा गया है। जिसमें धनराशि निकालना, जमा करना व चेक जमा करने के अलावा कई और कार्य शामिल हैं। हालांकि सीनियर सिटीजन को नंबर लगाने के बाद भी विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। 

एसबीआई के इस मोबाइल एप को डाउनलोड करने के लिए आपको गूगल प्ले स्टोर में जाना होगा। जैसे ही गूगल प्ले स्टोर में आप इसे ओपेन करेंगे वैसे ही आपको बैंक की शाखाओं की सूची दिखायी देगी। आप यहां पर अपनी शाखा को सेलेक्ट कर नंबर लगा दीजिए। कुछ देर बाद आपके मोबाइल पर ई-टोकन दिखाई देगा। इसके साथ ही आपको यह भी दिखाई देगा कि आपको शाखा पर किस समय पहुंचना है। आप निश्चित समय पर बैंक पहुंच कर निर्धारित काउंटर पर ई-टोकन दिखाकर लेन-देन का काम मिनटों निपटाकर आप घर वापस आ सकते हैं। इस सुविधा का हर व्यक्ति को लाभ उठाना चाहिए, जो लोग एंड्राइड मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार