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बिहार में अब संविदाकर्मी होंगे सरकारी कर्मचारी

बिहार में अब संविदाकर्मी होंगे सरकारी कर्मचारी

पटना (बिहार) । मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में राज्य के संविदा कर्मियों को शानदार तोहफा दिया है। नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से ऐलान किया कि अब बिहार के सभी पांच लाख संविदा कर्मियों को स्थायी सरकारी कर्मियों की तरह लाभ मिलेगा। राज्य के सभी संविदाकर्मियों की सेवा स्थायी कर दी गई हैं। नीतीश ने कहा कि संविदाकर्मियों को सभी तरह का लाभ मिलेगा और उनकी सेवा शर्त अनुशंसा के अनुसार लागू होगी। इसके तहत छुट्टी, सेवा दिवस, नई भर्ती में मौका जैसी बातें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार नियम लागू होंगे। 

आपको बता दें कि संविदाकर्मियों के कल्याण के लिए बिहार के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी थी। कमेटी ने सभी संविदाकर्मियों की सेवा 60 साल तक स्थायी करने और स्थायी कर्मचारियों की तरह बोनस, मेडिकल लीव, नई भर्ती में मौका और अन्य सुविधाएं देने की सिफारिश की थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी थी। बिहार के विभिन्न कार्यालयों में संविदा पर पांच लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें कार्यालय सहायक से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर तक शामिल हैं। हालांकि अशोक चौधरी कमेटी की सिफारिशों को लागू करने से राज्य सरकार के खजाने पर बोझ पड़ेगा। वहीं राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार ने 2019 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए ये जबरदस्त दांव चला है। इस फैसले से करीब 20 लाख वोटरों को साधने की कोशिश की गयी है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार