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वाहन चेकिंग में दस्तावेज की जगह दिखाएं ई-कॉपी

वाहन चेकिंग में दस्तावेज की जगह दिखाएं ई-कॉपी

नई दिल्ली। वाहन चालकों को अपने दस्तावेजों के खोने या खराब होने की चिंता करने की जरुरत नहीं है। क्योंकि अब उन्हें वाहनों की अब हार्ड कॉपी रखना अनिवार्य नहीं है। वाहन चालक दस्तावेजों की ई-कॉपी मोबाइल एप में स्टोर करके रख सकते हैं। इसके संबंध में बुधवार को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक और परिवहन आयुक्त को एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि अब वाहन मालिक डीजी लॉकर या एम परिवहन एक पर अपने दस्तावेज सेव कर सकते हैं और जरुरत पड़ने पर ई- कॉपी के रुप में इन्हें दिखा भी सकते हैं। इस ई –कॉपी को कोई भी  पुलिस अधिकारी या परिवहन विभाग का अधिकारी स्वीकार करेगा।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार किसी भी वाहन चालक को पुलिस या अन्य अधिकृत एजेंसी द्वारा मांगने पर अपने लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन कार्ड आदि दस्तावेज दिखाना अनिवार्य होता है। हालांकि कई बार लोग दस्तावेजों के खोने या खराब होने के डर से अपने पास नहीं रखते हैं। लेकिन अब उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। वे लोग अपने दस्तावेज डीजी लॉकर या एम परिवहन एप पर सेव करके रख सकते हैं। यदि कहीं पर इन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है तो इन्हें दिखाया जा सकता है।

आपको बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को आम जनता से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि केन्द्र सरकार के डीजी लॉकर और परिवहन मंत्रालय के एम परिवहन एप पर सुरक्षित रखी गई ई-कॉपी को ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग मान्य नहीं कर रहा है। ऐसी जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने आदेश दिया कि वाहन चालक डीजी लॉकर या एम परिवहन एप पर अपलोड दस्तावेजों की ई-कॉपी दिखाता है तो अफसरों को उसे मूल दस्तावेजों की तरह ही मान्य करना होगा। साथ ही वाहनों के नए बीमा और बीमा रिन्युअल का डाटा को भी प्रतिदिन के आधार पर वेबसाइट पर लोड करना होगा। जिससे वाहन मालिकों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार