Main Menu

दागी अधिकारियों के खिलाफ अब सीधे एफआईआर दर्ज

दागी अधिकारियों के खिलाफ अब सीधे एफआईआर दर्ज

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले की तरह इन अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की बजाय अब सीधे एफआईआर दर्ज की जा रही है। ईओडब्ल्यू ने अब तक प्रदेश के पंद्रह भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सबसे ज्यादा अधिकारी जलसंसाधन और राजस्व विभाग के फंसे हैं। इनमें जल संसाधन विभाग के चार और राजस्व विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। इओडब्ल्यू ने अधिकारियों के विभागध्यक्ष और सचिव को पत्र भेजकर कार्रवाई की जानकारी भी दे दी है।

इओडब्ल्यू ने अब इन दागी अधिकारियों की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी है। इओडब्ल्यू के अधिकारी का कहना है कि सभी अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच करने के बाद सीधे एफआइआर की कार्रवाई की जा रही है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक आय से अधिक संपत्ति मामले में पहले छापे मारे जाते थे, फिर बैंक अकाउंट और लॉकर की जांच की जाती थी। लेकिन अब इस तरीके में बदलाव करते हुए सीधे एफआइआर दर्ज की जा रही है। जिससे दागी अफसरों को बचने की गुंजाइश कम हो रही है। कई बार छापे की कार्रवाई की अधिकारियों को भनक लग जाती थी और वे गहने-कैश को ठिकाने लगा देते थे। अब एफआइआर दर्ज करने से पहले बैंक और रजिस्ट्री आफिस में वेरिफाई किया जा रहा है। जिससे दागी अधिकारियों के बच निकलने के रास्ते बंद हो गए हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार