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भारतीय पासपोर्ट तीन प्रकार के होते हैं

भारतीय पासपोर्ट तीन प्रकार के होते हैं

पासपोर्ट तीन प्रकार के होते हैं

  1. नियमित पासपोर्ट- नेवी ब्लू कलर का ये पासपोर्ट साधारण यात्रा के लिए जारी किया जाता है । जैसे अवकाश और व्यापार संबंधी दौरे के लिए।
  2. डिप्लोमैडिक पासपोर्ट- मेरुन कलर का ये पासपोर्ट भारतीय डिप्लोमैट, वरिष्ठ स्तर के सरकारी अधिकारियों और डिप्लोमैटिक कुरियर को जारी किया जाता है।
  3. शासकीय  पासपोर्ट- सफेद रंग का ये पासपोर्ट आधिकारिक कार्य से जाने वाले भारतीय अधिकारियों को जारी किया जाता है ।

पासपोर्ट फार्म दो तरह के होते हैं

  1. फार्म नंबर -1 इस फार्म का इस्तेमाल नए पासपोर्ट के लिए आवेदन करने, समय सीमा खत्म हो चुके पासपोर्ट को फिर से ईश्यू कराने, खोए या फटे हुए पासपोर्ट के बदले नया पासपोर्ट लेने, नाम या फोटो में तब्दीली या फिर पासपोर्ट के पेज खत्म होने पर किया जाता है । बच्चों के पासपोर्ट के लिए भी इसी फार्म का इस्तेमाल किया जाता है ।
  2. फार्म नंबर-2 इस फार्म का इस्तेमाल पासपोर्ट को रिन्यू कराने , पुलिस अनापत्ति प्रमाण पत्र, ईसीआर(इमिग्रेशन चेक  रिक्वायर्ड ) हटवाने, पति/पत्नी का नाम शामिल कराने , पते में बदलाव आदि कराने के लिए किया जाता है ।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार