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उत्तराखंड में ऑनलाइन खसरा/खाता की नकल

उत्तराखंड में ऑनलाइन खसरा/खाता की नकल

उत्तराखंड में खसरा की नकल प्राप्त करने के लिए आपको तहसील के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं है । आप घर बैठे ही ऑनलाइन खसरा की नकल प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको इंटरनेट से कनेक्ट कंप्यूटर पर कुछ प्रक्रिया का पालन करना होगा ।

सबसे पहले आप अपने कंप्यूटर में गूगल सर्च इंजन में devbhoomi टाइप करें और फिर इंटर की प्रेस कर दें। ऐसा करते ही आपके सामने devbhoomi यूआरएल devbhoomi.uk.gov.in के साथ खुल जाएगा। अब आप devbhoomi पर क्लिक करें।

devbhoomi पर क्लिक करते ही आपके सामने होम पेज खुल जाएगा । यहां पर आप बायीं ओर दिए गए ऑप्शन जिला और तहसील को सेलेक्ट करें। इसके बाद ओके बटन पर क्लिक कर दें।

ओके बटन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने जनपद चुनें, तहसील चुनें, ग्राम चुनें, का ऑप्शन आ जाएगा । अब यहां पर आप एक-एक करके तीनों ऑप्शन को चुन लें।

ग्राम को चुनने के बाद आपके सामने नया पेज खुलकर आ जाएगा। यहां पर खसरा/गाटा संख्या द्वारा, खाता संख्या द्वारा, खातेदार के नाम द्वारा में से किसी भी एक ऑप्शन को सेलेक्ट करके, किसी भी व्यक्ति की जमीन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप चाहें तो खातेदार के नाम द्वारा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए खोजें ऑप्शन में जाकर व्यक्ति का नाम टाइप करें। और उसे सेलेक्ट कर दें।

ऐसा करते ही आपके सामने नयी विंडो खुलकर आ जाएगी । जिसमें खातेदार और उसकी जमीन के बारे में विस्तृत विवरण दिखाई देने लगेगा। आप चाहें तो इस कॉपी का प्रिंट भी ले सकते हैं।

नोट- आपको बता दें कि ऑनलाइन प्राप्त की गयी यह कॉपी केवल सूचना के लिए होती है । आप इसको प्रमाण के रुप में कहीं प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं। यदि आप प्रमाणिक कॉपी चाहते हैं तो आपको तहसील जाना होगा । वहां से प्राप्त प्रमाणिक कॉपी को आप प्रमाण के रुप में कहीं भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार