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भा. मानक ब्यूरो से कैसे करें शिकायत

भा. मानक ब्यूरो से कैसे करें शिकायत

भारतीय मानक ब्यूरो, भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था है।  यह उपभोक्ता मामलों , खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करती है ।

गुणवत्ता की पहचान के लिए ISI निशान

  • इस निशान से पता चलता है कि भारतीय मानक ब्यूरो ने वस्तु को मान्य गुणवत्ता का होने का प्रमाणपत्र दे दिया है ।

भारतीय मानक ब्यूरो से शिकायत

  • आईएसआई के निशान वाली वस्तुओं की गुणवत्ता के बारे मे शिकायत के लिए देशभर में कई शाखाएं हैं।
  • अपनी शिकायत में सभी ब्यौरे दें जैसे... वस्तु खरीदने की तिथि और स्थान, वस्तु में कमी का विवरण, नगद खरीद की पर्ची संख्या आदि ...
  • भारतीय मानक ब्यूरो के नजदीकी शाखा के जन शिकायत अधिकारी अथवा इस कार्यालय के मुख्यालय में निदेशक, उपभोक्ता मामले और जन शिकायत अधिकारी को शिकायत भेजी जा सकती है ।
  • भारतीय मानक ब्यूरो ऐसी हर शिकायत की जांच कर सकता है ।
  • अगर शिकायत सही पायी जाती है तो उपभोक्ता द्वारा खरीदी गयी चीज बिना कोई पैसा लिए बदल दी जाती है या उसकी खराबी ठीक कर दी जाती है ।
  • अगर यह पता चलता है कि किसी वस्तु का निर्माता जानबूझकर घटिया माल तैयार कर रहा है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है ।
  • केंद्र सरकार ने सौ से ज्यादा वस्तुओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो का प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य कर दिया है ।
  • इस सूची में शामिल है ... दूध का पावडर, सीमेंट, रसोई गैस का सिलेंडर, वनस्पति , बिजली का प्रेस, खाना बनाने वाला बिजली का हीटर, पानी गरम करने वाला इमर्शन रॉड, खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने वाले रंग-फ्लेवर आदि।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार