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कटे-फटे नोट बदलने का आसान तरीका जानें

कटे-फटे नोट बदलने का आसान तरीका जानें

यदि आपके पास कटे-फटे नोट हैं, जिसे आप बदलना चाहते हैं तो चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर बड़ी आसानी से अपने कटे-फटे नोट बदल सकते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (नोट रिफंड) नियम 2009 के अनुसार नोट वापसी के निम्नलिखित नियम हैं।  

कटे-फटे नोट बदले जाने के नियम:-

  • कटे-फटे नोट, वे हैं, जिसमें एक हिस्सा गुम है या जो दो से अधिक टुकड़ों से बना है।
  • किसी भी नोट को जानबूझ कर या गुस्से में नहीं काटा जा सकता इसलिए जिन नोटों को जानबूझ कर काटा गया है, उन्हें बदलने का दावा नहीं माना जाएगा।
  • जिन नोटों पर नारे या राजनैतिक संदेश लिखे हों, उन्हें भी बतौर मुद्रा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यदि बैंक अधिकारी को लगता है कि आपने जानबूझ कर नोट को फाड़ा या काटा है, तो वह आपकी मुद्रा बदलने से इनकार कर सकता है।
  • आरबीआई के नियमानुसार, हर बैंक को पुराने, फटे या मुड़े नोट स्वीकार करने होंगे बशर्ते वे नकली न हों। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके लिए उस बैंक का ग्राहक होना जरूरी नहीं है।
  • यदि किसी के पास मौजूद नोट में रंग या स्याही लग गयी है तो उसे किसी भी बैंक शाखा में बदला जा सकता है।
  • यदि नोट में दीमक लग गए हैं या फिर नोट जल गया है और नोट का नंबर सुरक्षित है तो उसे भी किसी भी बैंक शाखा में बदला जा सकता है।
  • रिजर्व बैंक के नियमानुसार, इन नोटों को फिर से जारी नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक नए नोट ही जारी करेगा।
  • किसी भी कानून के प्रावधान के उल्लंघन में भारत के बाहर किसी भी स्थान से नोट आयात किया गया हो, तो बैंक आपकी मुद्रा बदलने से इनकार कर सकता है।
  • निर्धारित अधिकारी द्वारा बुलाए गए किसी भी सूचना को नोटिस प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर दावेदार द्वारा नोट प्रस्तुत नहीं किया जाता है या जानकारी मांगने के लिए पत्र भेजने पर प्रस्‍तुत नहीं होता है, तो भी वह आपकी मुद्रा बदलने से इनकार कर सकता है। 

कटे-फटे नोटों से धनवापसी के नियम:- 

  • कटे-फटे नोट केवल आरबीआई के कार्यालय और विभिन्न बैंकों की सभी करेंसी चेस्‍ट शाखाओं पर स्वीकार किए जाएंगे। विभिन्न बैंकों की करेंसी चेस्‍ट शाखा की सूची आरबीआई वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। इन शाखाओं में कटे-फटे नोट काउंटर पर स्वीकार किए जाएंगे और फॉर्म में एक टोकन डीएन-1 को नोट जमा करने वाले व्यक्ति को जारी किया जाएगा। अलग-अलग नोटों के लिए धनवापसी और मानदंड अलग-अलग हैं। 
  • रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे नोट जो पानी, पसीना या कोई अन्य चीज लगने से बुरी तरह गंदे हो गए हो या जिनके दो टुकड़े हो गए हों, लेकिन उनमें कोई जरूरी फीचर गायब न हुआ हो, उनसे सरकारी बकाया हाउस टैक्स, सीवर टैक्स, वाटर टैक्स, बिजली बिल आदि का भुगतान किया जा सकता है। साथ ही बैंक काउंटर पर उन्हें स्वीकार किया जाए। हालांकि इन नोटों को दोबारा जनता को जारी नहीं किया जाए। इस तरह के नोटों को आरबीआई के इश्यू ऑफिस में ही जा सकता है। इसके बाद इन्हें नष्ट करने के लिए भेजा जाए। 
  • आप पांच नोट की संख्या तक के नोट उन बैंकों में बदल सकते हैं, जिनमें मुद्रा तिजोरी नहीं होती। इसके एवज में बैंक आपको रसीद देगा। इस जमा के बदले आपको 30 दिनों में राशि दी जाएगी। 
  • 50 रुपये या इससे अधिक के लिए आरबीआई ने हाल में 65% या 80% से अधिक की पूरी वापसी के लिए आवश्यक अविभाजित टुकड़े के क्षेत्र को बढ़ाने के नियमों में संशोधन किया है। अब प्रस्तुत किए गए नोट के एकल सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का क्षेत्र संबंधित मूल्य के 80% से अधिक क्षेत्र का है तो पूर्ण धनवापसी तभी की जाएगी। 
  • यदि प्रस्तुत किए गए नोट के एकल सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का अविभाजित क्षेत्र 40% से अधिक या संबंधित मूल्य के 80% से कम या उसके बराबर है तो आधा मूल्य वापस किया जाएगा। सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का अविभाजित क्षेत्र 40% से कम हो तो कोई धनवापसी नहीं होगी। 
  • यदि 50 रुपये और उससे अधिक मूल्यों के कटे-फटे नोटों का दावा एक ही नोट के दो टुकड़ों से बना एक नोट होता है। दो टुकड़े, व्यक्तिगत रूप से उस क्षेत्र में नोट के कुल क्षेत्रफल के 40% से अधिक या उसके बराबर है तो एक की पूर्ण धनवापसी की जाएगी। 
  • 2000 रुपये के नोट की पूरी कीमत के लिए ग्राहक को नोट के वास्तविक आकार का कम से कम 88 फीसद हिस्सा देना होगा। 44 फीसद हिस्सा लौटाने पर नोट की आधी कीमत मिलेगी। 
  • यदि किसी के पास कटे-फटे नोट 20 टुकड़ों में हैं और उनका मूल्य अधिकतम 5000 रुपए के बराबर होता है तो वह एक दिन में इतने नोट बैंक के काउंटर पर नि:शुल्क बदल सकता है।
  • यदि किसी के पास 20 से ज्यादा टुकड़ों में नोट हैं और उनका मूल्य 5000 रुपए से ज्यादा है तो वह उन्हें बदलने के लिए बैंक जा सकता है, लेकिन उनका मूल्य बाद में क्रेडिट किया जाएगा। इसके लिए बैंक स्वीकृत शुल्क भी वसूल सकता है।
  • यदि किसी के पास 20 से ज्यादा टुकड़ों में नोट 50,000 रुपए से ज्यादा हैं तो बैंक सामान्य सावधानी बरतेगी।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार