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यूपी बोर्ड की सेवाओं की समय सीमा

यूपी बोर्ड की सेवाओं की समय सीमा

माध्यमिक शिक्षा विभाग यूपी बोर्ड से जुड़ी 9 सेवाएं जनहित गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लायी गयी हैं। इस अधिनियम के तह यह सेवाएं तय समयसीमा में उपलब्ध करायी जाएंगी। अभी तक इन सेवाओं के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं थी जिसकी वजह से बोर्ड/परिषद के अधिकारी व कर्मचारी उन्हें बेवजह दौड़ाते थे और रिश्वत की मांग करते थे। यूपी बोर्ड की इन नौ सेवाओं के लिए बोर्ड के उप सचिव को नामित प्राधिकारी बनाया है। नामित प्राधिकारी द्वारा इन सेवाओं को मुहैया कराने के बारे में तय समयसीमा में निर्णय न ले पाने पर इसके खिलाफ प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहां अपील दर्ज करायी जा सकती है।

  • यदि प्रथम अपीलीय अधिकारी तय समयसीमा में अपील का निस्तारण नहीं कर पाते हैं तो उसके खिलाफ द्वितीय अपीलीय अधिकारी के यहां द्वितीय अपील दर्ज करायी जा सकेगी।
  • द्वितीय अपील अधिकारी को भी निर्धारित समयावधि में द्वितीय अपील का निस्तारण करना होगा।
  • यूपी बोर्ड की सेवाओं के लिए बोर्ड के अपर सचिव प्रथम और सचिव द्वितीय अपीलीय अधिकारी होंगे।

सेवाएं

आवेदन की तिथि से

प्रथम अपील

द्वितीय अपील

1. मूल प्रमाण-पत्र जारी करना ।

15 दिन

15 दिन

15 दिन

2. प्रमाण-पत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करना ।

30 दिन

15 दिन

15 दिन

3. मूल अंक पत्र जारी करना ।

30 दिन

15 दिन

15 दिन

4. अंकपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करना ।

30 दिन

15 दिन

15 दिन

5. संशोधित प्रमाण-पत्र जारी करना ।

30 दिन

15 दिन

15 दिन

6. संशोधित अंक पत्र जारी करना ।

30 दिन

15 दिन

15 दिन

7. निरस्त "CANCELLED" परीक्षाफल का निराकरण करना ।

45 दिन

30 दिन

15 दिन

8. रोके गये "WITHELD" परीक्षाफल का निराकरण करना ।

45 दिन

30 दिन

15 दिन

9. अपूर्ण अथवा त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल का संशोधन करना ।

45 दिन

30 दिन

15 दिन

10. अंकपत्र एवं प्रमाण पत्रों का सत्यापन करना ।

 

 

 

 

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार