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उत्तर प्रदेश में आवास प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करें

उत्तर प्रदेश में आवास प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करें

आप यदि उत्तर प्रदेश में आवास या निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने चाहते हैं तो इसके लिए आपको परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आवास और निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलो में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना को लागू कर आम जनता को सुविधा प्रदान करने तथा सेवाओं के वितरण हेतु सेवा केन्द्र (कॉमन सर्विस सेंटर) स्थापित किए हैं।  इन सेंटर पर जाकर आप ऑनलाइन सेवा का लाभ उठा सकते हैं। 

आवास प्रमाण पत्र साधारणत: यह साबित करने के लिए जारी किया जाता है कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला व्‍यक्ति उत्तर प्रदेश का निवासी है जिसके द्वारा उसे प्रमाण पत्र जारी किया गया है। 

आपको बता दें कि आवास या निवास प्रमाण पत्र तब तक वैध माना जाता है जब तक कि व्यक्ति अपना निवास स्थान नहीं बदलता है। निवास स्थान में परिवर्तन होनो पर नया प्रमाण पत्र बनवाना आवश्यक होता है। 

इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता प्रत्येक रोजगार के लिए आवेदन और स्कूल या कॉलेज में प्रवेश लेने में अधिक पड़ती है। आवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। जिनके साथ ही आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। जो कि कुछ इस प्रकार हैं: 

आवास प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज 

  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड की फोटो कॉपी
  • मतदाता पहचान पत्र
  • पहचान पत्र
  • बिजली का बिल
  • स्वप्रमाणित घोषणा पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • सभासद या ग्राम प्रधान द्वारा प्रमाणित प्रमाण पत्र
  • वेतन भोगी होने की स्थिति में वेतन पर्ची 

नोट- यह ध्यान रखना आवश्यक है कि आवास प्रमाण पत्र केवल एक ही राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र में बनवाया जा सकता है। एक से अधिक राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र से आवास प्रमाणपत्र प्राप्‍त करना अपराध माना जाएगा।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

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