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ड्राइविंग लाइसेंस का अधिकार क्या है

ड्राइविंग लाइसेंस का अधिकार क्या है

मोटर वाहन अधिनियम 1988

इस अधिनियम के अधीन कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर वाहन नहीं चला सकता है, जब तक कि उसके पास मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अधीन जारी किया गया उसके पास वैध लाइसेंस न हो।

ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार 

1-लर्नर्स लाइसेंस

मोटर वाहन लाइसेंस के लिए आवेदन करने पर  आरटीओ आफिस सबसे पहले लर्नर मोटर वाहन लाइसेंस जारी करता है ।

2-स्थायी लाइसेंस 

आरटीओ आफिस लर्नर्स लाइसेंस धारक को 1 महीने के बाद  स्थायी मोटर वाहन लाइसेंस जारी करता है ।

लाइसेंस प्राप्त करने की योग्यता 

1-स्थायी मोटर वाहन लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लर्नर्स लाइसेंस प्राप्त करना बहुत जरुरी है ।

2-50 सीसी क्षमता औऱ बिना गियर वाले वाहन के लिए लर्नर्स लाइसेंस प्राप्त करने की योग्यता 16 साल (अगर आवेदक के माता-पिता या अभिभावक अपनी सहमति दें) है।

3-जबकि निजी मोटर वाहन चलाने के लिए स्थायी लाइसेंस प्राप्त करने की न्यूनतम आयु 18 साल है ।

4-20 साल का व्यक्ति लर्नर्स लाइसेंस प्राप्त करने के बाद वाणिज्यिक वाहन चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकता है ।

5-वाणिज्यिक वाहन चलाने वाले व्यक्ति को यातायात के नियमों की जानकारी होनी चाहिए।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

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