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भारतीय मानक ब्यूरो के कार्य क्या हैं

भारतीय मानक ब्यूरो के कार्य क्या हैं

भारतीय मानक ब्‍यूरो के कार्य क्या है:- 

  1. भारतीय मानक ब्‍यूरो के कार्य किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में भारतीय मानकों की स्‍थापना, प्रकाशन और संवर्धन करना है;
  2. किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में भारत में अन्‍यत्र कहीं किसी अन्‍य संस्‍था द्वारा स्‍थापित किसी भी मानक को 'भारतीय मानक' के रूप में मान्‍यता देना है;
  3. भारतीय मानक ब्‍यूरो प्रमाणन चिह्न कहे जाने के लिए किसी मानक चिह्न का डिजाइन और अन्‍य वितरण निश्चित करना है।
  4. इसका कार्य मानक चिह्न के उपयोग के लिए लाइसेंस प्रदान करना, उसका नवीकरण करना, उसे निलंबित करना अथवा रद्द करना और इसके लिए शुल्‍क लेना है।
  5. इसका कार्य किसी सामग्री अथवा पदार्थ की जांच करना और नमूना लेना कि क्‍या कोई वस्‍तु अथवा प्रक्रिया, जिसके संबंध में मानक चिह्न का उपयोग किया गया है, भारतीय मानक के अनुसार हैं या क्‍या किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में लाइसेंस सहित अथवा बगैर लाइसेंस के मानक चिह्न का अनुचित उपयोग किया गया है;
  6. भारतीय मानक ब्यूरो का कार्य वस्‍तुओं और प्रक्रियाओं के मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए प्रयोगशालाओं की स्‍थापना करना, उनका अनुरक्षण करना और उन्‍हें मान्‍यता देना; उपभोक्‍ताओं और‍ विनिर्माताओं इत्‍यादि के हित में भारतीय मानकों के निर्माण हेतु अनुसंधान करना है।
  7. इसका कार्य किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में मानक चिह्न का उपयोग करने के लिए व्‍यक्ति को लाइसेंस प्रदान करना। ब्‍यूरो द्वारा विनिर्दिष्‍ट शर्तों की पूर्ति तथा निर्धारित शुल्‍क के भुगतान के अध्‍यधीन आदेश द्वारा लाइसेंस प्रदान करना, उसका नवीकरण करना, उसे निलंबित अथवा रद्द करना है।

मानक चिन्ह की नकल पर रोक के नियम

  1. मानक ब्यूरो लाइसेंस प्राप्‍त होने को छोड़कर, किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में अथवा किसी पेटेंट के शीर्षक पर अथवा किसी ट्रेडमार्क अथवा डिजाइन पर मानक चिह्न का अथवा उसकी बनावटी नकल के उपयोग पर रोक है।
  2. लाइसेंस प्राप्‍त होने के बाद भी मानक चिह्न अथवा उसकी बनावटी नकल का उपयोग करने की तब तक अनुमति नहीं जब तक कि वस्‍तु अथवा प्रक्रिया भारतीय मानक के अनुसार न हो।
  3. किसी नाम जो कि ब्‍यूरो के नाम से काफी मिलता जुलता हो, जिससे कि जनता को धोखा हो अथवा धोखा होने की संभावना है अथवा जिसमें "भारतीय मानक" की अभिव्‍यक्ति हो अथवा उसका संक्षिप्‍त नाम हो, का ब्‍यूरो की अनुमति के बिना उपयोग करने पर रोक है।
  4. किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया के संबंध में कोई चिह्न अथवा ट्रेडमार्क जिस पर "भारतीय मानक" अथवा "भारतीय मानक का विवरण" अभिव्‍यक्तियां अथवा ऐसी अभिव्‍यक्तियों का संक्षिप्‍तीकरण दिया गया हो, पर भी रोक है।
  5. किसी भी पंजीकरण प्राधिकारी को किसी ऐसे नाम अथवा चिह्न वाली किसी कंपनी, फर्म अथवा व्‍यक्‍तियों के निकाय अथवा किसी ऐसे नाम अथवा चिह्न वाले ट्रेडमार्क अथवा डिजाइन को पंजीकृत करना अथवा किसी ऐसे नाम व चिह्न वाले आविष्‍कार के संबंध में पेटेंट प्रदान करने पर रोक है;
  6. यदि केंद्र सरकार की मानक ब्‍यूरो से परामर्श के पश्‍चात राय है कि ऐसा करना जनहित में आवश्‍यक अथवा उचित है तो यह सरकारी राजपत्र में आदेश प्रकाशित कर किसी अनुसूचित उद्योग की किसी वस्‍तु अथवा प्रक्रिया जो भारतीय मानक के अनुसार हो, को अधिसूचित कर सकती है; और ऐसी वस्‍तु पर अथवा प्रक्रिया में लाइसेंस के अधीन अनिवार्य मानक चिह्न के उपयोग का निदेश दे सकती है।
  7. यदि कोई व्‍यक्ति अधिनियम में विनिर्दिष्‍ट किसी भी प्रावधान का उल्‍लंधन करता है उसे कारावास की सजा हो सकती है, जिसकी अवधि एक वर्ष तक हो सकती है अथवा उस पर जुर्माना लग सकता है जो 50 हजार रूपए तक हो सकता है अथवा दोनों ही दंड दिए जा सकते हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार