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अब ऑनलाइन करें बिजली विभाग में शिकायत

अब ऑनलाइन करें बिजली विभाग में शिकायत

रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य के उपभोक्ताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत सरकार ने सरकारी बिजली वितरण कंपनी के सभी 444 वितरण केंद्रों ऑन लाइन कर दिए हैं। इस ऑनलाइन व्यवस्था में ई-मेल, वीडियो कांफ्रेसिंग, सेप आइपी फोन, जैसे अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ उपभोक्ता सेवा में शुरु हो गया है। इसमें उपभोक्ता घर बैठे ऑनलाइन नये बिजली कनेशन, बिल व बिजली संबंधी शिकायत-निवारण के कार्य कर सकते है। 

आपको बता दें कि रायपुर के बिजली कंपनी मुख्यालय में शैलेंद्र शुक्ला कंपनी अध्यक्ष व वितरण कंपनी के एमडी मोहम्मद कैसर अब्दुल हक ने समीक्षा बैठक की। इस अहम बैठक में बिजली के बिल का यथासमय वितरण, भुगतान के आसान तरीके, बिल में गड़बड़ी के त्वरित सुधार, फोटो स्पॉट बिलिंग, ईआइटीसी, राजस्व की कार्य प्रक्रिया को उपभोक्ता हित में और बेहतर बनाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इस दौरान एमडी अब्दुल हक ने बताया कि कंपनी द्वारा ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में कितने उपभोक्ताओं को बिजली बिल यथासमय जारी नहीं किये गये हैं, उसकी मॉनीटरींग की जा सकेगी। इसके लिए सुदूर ग्रामीण अंचलों में संचालित कंपनी के वितरण केंद्रों से सीधे जानकारी प्राप्त की जायेगी। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि उपभोक्ता अपना मोबाईल नंबर वितरण कंपनी में 7879255255 पर मिस्ड कॉल करके रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से उपभोक्ता 7879880880 पर मिस्ड कॉल करके अपने बिल व भुगतान की जानकारी एसएमएस के माध्यम से नि:शुल्क प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि बीपी नंबर से मोबाइल नंबर को लिंक करके वाले उपभोक्तओं को बिजली बिल से संबंधित जानकारी पहले ही एसएमएस के माध्यम से मिल रही है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार