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मृतक बोले: 'हमें जिंदा कर दो कलेक्टर साहब' !

मृतक बोले: 'हमें जिंदा कर दो कलेक्टर साहब' !

बड़वानी (मध्य प्रदेश)। प्रशासनिक अधिकारियों ने ऐसा अनोखा कारनामा कर दिखाया है, जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। बड़वानी में दो भाई खुद को जिंदा साबित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अधिकारी उन्हें जिंदा मानने को तैयार ही नहीं हैं। पीड़ितों भाइयों ने अब कलेक्टर और एसपी से मामले की शिकायत की है। दरअसल पीड़ित भाइयों के बड़े भाई ने दोनों को मृत साबित करके उनकी पैतृक जमीन अपने नाम करवा ली है।  

बड़वानी जिले की पाटी तहसील के ग्राम बूदी निवासी बिलौर सिंह व राजा राम सिंह पिता कन सिंह ने अपनी अनोखी आप बीती सुनाई। उन्होंने बताया कि बड़ा भाई व मां गांव में ही रह रहे हैं और हम दो भाई करीब 35 साल से देवास जिले के ग्राम लेहकी में रह रहे हैं। हर साल जमीन को बंटाई पर देने के लिए हम दोनों भाई गांव आते हैं। पिता की मृत्यु के बाद बड़े भाई भूर सिंह ने कुछ लोगों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज बनाकर हमारी 3 एकड़ पैतृक जमीन हड़प ली है और हमें जमीन से बेदखल कर दिया है। इसमें मुझे कुंवारा बताकर मृत बता दिया है और एकमात्र जिंदा वारिस भूर सिंह को बताया है, जबकि मां उंदरीबाई, मेरी पत्नी व पांच बेटे और तीन बेटियां और छोटे भाई राजाराम के 10 बच्चों समेत 25 लोगों से अधिक लोगों को मृत घोषित करवा दिया है। इतना ही नहीं इसके लिए ग्राम पंचायत ने बकायदा मृत्यु प्रमाण-पत्र भी जारी कर दिए हैं।

उन्होंने बताया कि हमने ग्राम पंचायत, पटवारी, तहसीलदार व पुलिस को इस विषय में सारी बात विस्तार से बताई, लेकिन वे हमें जिंदा मानकर कार्रवाई करने को तैयार ही नहीं हैं। ऐसी दशा में अब हम क्या सबूत दें और कैसे बताएं कि हम जिंदा हैं। हमने परेशान होकर कलेक्टर व एसपी के नाम आवेदन सौंपा है और निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और उनकी जमीन दिलाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह भोपाल जाकर उच्च अधिकारियों व मुख्यमंत्री को मामले की शिकायत करेंगे।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार