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ओम प्रकाश चौटाला की 3.68 करोड़ की संपत्ति जब्त

ओम प्रकाश चौटाला की 3.68 करोड़ की संपत्ति जब्त

चंडीगढ़ (हरियाणा) शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को प्रवर्तन निदेशायल ने जोरदार झटका दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने ओम प्रकाश चौटाला की 3 करोड़ 68 लाख की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों में ओम प्रकाश चौटाला के नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित फ्लैट, प्लॉट और जमीन शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके और अन्य के खिलाफ की है। 

आपको बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला 2013 से शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में 10 साल कैद की सजा काट रहे हैं। चौटाला को प्रीवेंशन ऑफ करप्शन में 7 साल और षड्यंत्र में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सज़ा हुई थी। ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अभय चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति व मनी लॉन्ड्रिंग का केस लंबित है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज हुई एफआईआर को लेकर हुई है। उन पर आरोप है कि उन्हेंने 1993 से 2006 के बीच अवैध तरीके से करोड़ों रुपये की संपत्ति बनायी थी। 

प्रवर्तन निदेशायल ने कहा है कि, ' ओम प्रकाश चौटाला ने नई दिल्ली, पंचकूला में अचल संपत्तियों का अधिग्रहण किया और अघोषित स्रोतों से प्राप्त धन से हरियाणा के सिरसा में एक आवासीय भवन भी बनाया। उन्होंने 2005 और 2009 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष दायर हलफनामे में अर्जित संपत्तियों का भी खुलासा किया था और विवादित संपत्तियों को अविवादित बताया था। अब देखना यह होगा कि चौटाला अदालत के समक्ष क्या सफाई पेश करते हैं।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार